भोपाल

त्रासदी के 36 वर्ष: भोपाल की खौफनाक तस्वीरें आज भी रुला देती हैं

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:40 AM GMT
त्रासदी के 36 वर्ष: भोपाल की खौफनाक तस्वीरें आज भी रुला देती हैं
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गैस त्रासदी की यादें ताजा हो जाती हैं। 2 एवं 3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात हुई घटना वैश्विक औद्योगिक इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी दुर्घटना है।

त्रासदी के 36 वर्ष: भोपाल की खौफनाक तस्वीरें आज भी रुला देती हैं

भोपाल। 3 दिसंबर आते ही भोपाल गैस त्रासदी की यादें ताजा हो जाती हैं। 2 एवं 3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात हुई घटना वैश्विक औद्योगिक इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी दुर्घटना है। भोपाल गैस त्रासदी के 36 साल बीते चुके हैं। शहर के बीचों बीच स्थित कीटनाशक बनाने वाली यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकली जहरीली गैस ने एक साथ हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया था।

त्रासदी के 36 वर्ष: भोपाल की खौफनाक तस्वीरें आज भी रुला देती हैं

सरकारी आंकड़ों को देखें तो उस रात 5 हजार लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। हालांकि मौत के आंकड़ों को अलग-अलग एजेंसियों के अपने-अपने आंकड़े हैं। यूनियन कार्बाइड कंपनी से मिथाइल आइसो साइनाइट गैस लीक हुई थी। भोपाल गैस त्रासदी में करीब 5 लाख लोग प्रभावित हुए थे। रात को सोए लोग दिन नहीं देख पाए। चारो तरफ चीख पुकार मची हुई थी।

आज भी जहरीली गैस का असर

जानकारों की माने तो यूनियन कार्बाइड के नजदीकी इलाकों के हवा-पानी में आज भी जहरीली गैस का असर है। स्वास्थ्य एजेंसियों का मानना है कि इसका असर पीड़ितों की तीन पीढ़ियों तक रहेगा। यही कारण है कि शहर में गंभीर बीमारियों से लेकर मानसिक विकलांगता के मामले अधिक देखे जा रहे हैं।

पीड़ितों को आज तक न तो पूर्ण मुआवजा मिल सका है और न ही सही इलाज की व्यवस्था की गई है। गैस पीड़ितों के इलाज के लिए शहर के तीन बड़े सरकारी अस्पतालों में गैस पीड़ितों के उपचार की व्यवस्था भी है बावजूद इसके पीड़ितों के उपचार में खानापूर्ति मात्र ही की जाती है। जानकारी अनुसार फैक्ट्री से 40 टन गैस का रिसाव हुआ था।

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

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