भोपाल

भोपाल में शिक्षक को लगा कोरोना का पहला टीका, शिक्षक ने कहा आल इज वेल....

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:39 AM GMT
भोपाल में शिक्षक को लगा कोरोना का पहला टीका, शिक्षक ने कहा आल इज वेल....
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कोरोना वैक्सीन की जांच में भोपाल के शिक्षक ने एक अहम जिम्मेंदारी का निर्वहन किया। भारत वायोटेक और आईसीएमआर की कोवैक्सिन के तीसरे

भोपाल में शिक्षक को लगा कोरोना का पहला टीका, शिक्षक ने कहा आल इज वेल….

भोपाल। कोरोना वैक्सीन की जांच में भोपाल के शिक्षक ने एक अहम जिम्मेंदारी का निर्वहन किया। भारत वायोटेक और आईसीएमआर की कोवैक्सिन के तीसरे फेज का ट्रायल भोपाल मे होना निश्चित किया गया। ट्रायल के लिए सार्वजनिक तौर पर जानकारी साझा गई थी।

भोपाल में शिक्षक को लगा कोरोना का पहला टीका, शिक्षक ने कहा आल इज वेल....

अखबार से जानकारी मिलने के बाद भोपाल के एक शिक्षक ने डाक्टरो ंसे सम्पर्क कर दवा का ट्रयल अपने उपर करने के लिए अपनी सहमति दे दी। 27 नवम्बर को टीके का पहला डोज शिक्षक को लगाया गया और बाद में जांच के बाद उन्हे डिस्चार्ज कर दिया गया है। शिक्षक पूरी तरह स्वस्थ हैं। डाक्टरो के द्वारा हालचाल पूछने पर कहा कि सब ठीक है यानी आल इज वेल।

परिवार वालों को पहले दी जानकारी

कोवैक्सिन के ट्रायल के लिए अपनी सहमति देने वाले शिक्षक ने बताया कि वह बिना घर वालों के बताए ही पीपुल्स अस्पताल जहां टीका लगना था फोन कर जानकारी ली और अपनी सहमति दे दी। जिस पर डाक्टरो ंने 27 नवम्बर को मेडिकल कालेज आने के लिए कहा। उन्होने बताया कि इतना होने के बाद वह रात में घरवालों को जानकारी दी। जिस पर परिवार के लोगों ने सहमति देते हुए मेरा मनोबल बढाया।

डायरी मेंटेन करंे, भूल जायें कि टीका लगा है

शिक्षक को टीका लगने के बाद 1 घंटे तक अस्पताल में रखा गया। डाक्टर टीम द्वारा बराबर निगरानी की जा रही थी। वही एक घंटे का समय बीत जाने के बाद डाक्टर ने हालचाल पूछा। जिस पर शिक्षक ने पूरी तरह ठीक लगना बताया। ऐसे में डाक्टरों ने कहा कि वह भूल जायें कि उनको कोई टीका लगा हैं। नार्मल रहे लेकिन साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। वही कहा गया एक डायरी लिखे जिसमें अपनी दिन भर की गतिविधी होनी चाहिए।

शिक्षक ने साझा किया अनुभव

प्रदेश में पहला टीका लगवाने वाले पटेल नगर के निवासी है। वह आर्ट के शिक्षक हैं। टीका लगन के काफी समय बाद शिक्षक ने अपना अनुभव साझा किया। उन्हेाने बताया कि टीका लगते समय मुझे जरा भी डर नही क्योकि मै उस वक्त यह सोच रहा था कि दवा का परिक्षण सफल होने से लाखों करोडों लेागों को इसका लाभ मिलेगा। मै खुशनसीब हू कि यह मौका मुझे मिला।

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

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