मध्यप्रदेश

Rewa News : सफेद शेर की पैतृक स्थली दुबरी की खोती जा रही पहचान

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:39 AM GMT
Rewa News : सफेद शेर की पैतृक स्थली दुबरी की खोती जा रही पहचान
x
सफेद शेर की पैतृक स्थली दुबरी को जो पहचान मिलनी चाहिए वह नहीं मिल सकी है। बल्कि मुख्य स्थान को दरकिनार कर रीवा को ज्यादा महत्व दिया

Rewa News : सफेद शेर की पैतृक स्थली दुबरी की खोती जा रही पहचान

रीवा। सफेद शेर की पैतृक स्थली दुबरी को जो पहचान मिलनी चाहिए वह नहीं मिल सकी है। बल्कि मुख्य स्थान को दरकिनार कर रीवा को ज्यादा महत्व दिया गया। जबकि कहा जाता है कि सफेद शेर की जन्म स्थली सीधी जिले के कुसमी विकासखंड अंतर्गत दुबरी है। लेकिन इसकी पहचान खोती जा रही है। असली जन्मस्थली को लोग भूलते जा रहे हैं।

सफेद शेर को वापस लाने और उसकी पहचान को विश्व पटल पर रखा गया लेकिन पैतृक स्थली सीधी जिला होने के बाद भी अपनी पहचान को मोहताज है। रीवा महाराजा मार्तण्ड सिंह जू देव द्वारा सीधी से सफेद शेर को पकड़कर रीवा लाने के बाद उसकी जन्मस्थली के रूप मंे रीवा को प्रचारित किया जाने लगा। लिहाजा विश्व पटल में सफेद शेर की जन्म स्थली के रूप में रीवा का नाम आता है और सीधी जिले को दरकिनार कर दिया गया।

अपने को हाईलाइट करने छात्र ने अपनाया शार्टकट का रास्ता, विधायक पर ही तान दी बन्दूक…

कड़ी मशक्कत के बाद सफेद शेर की विंध्य में वापसी हुई। हालांकि सीधी जिले में संजय टाईगर रिजर्व की स्थापना के बाद से ही सफेद शेर को उसके मूल जन्म स्थान कुसमी विकासखंड अंतर्गत दुबरी अभ्यारण्य में लाने मांग की जाती रही लेकिन मूल स्थान पर सफेद शेर नहीं आ सका।

अब संजय गांधी टाइगर रिजर्व द्वारा सफेद शेर पकड़ने के चश्मदीद गवाह शिवधारी बैगा की प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया है। यह दुबरी को उसकी खोई पहचान दिलाने के लिए एक और प्रयास है जिससे लोग जान सकें कि सफेद शेर की पैतृक स्थली कहां है।

महिलाओं को छूट के साथ पुलिस में 4 हजार भर्ती, आवेदन होगा जल्द : MP NEWS

दुबरी की खोई पहचान वापस लाने का प्रयास जारी

सफेद शेर को उसकी जन्मस्थली दुबरी लाने का प्रयास किया जा रहा है। संजय टाईगर रिजर्व सीधी द्वारा सफेद शेर मोहन को लेकर जो प्रयास शुरू किया है यदि वह सफल रहा तो संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र के पूर्ण मूर्त रूप लेने के बाद सफेद शेर का आगमन उसकी जन्मस्थली दुबरी अभ्यारण्य में हो सकेगा और एक बार उसकी क्षेत्र में दहाड़ गूंजेगी। हालांकि जिस तरह से प्रयास होने चाहिए वह नहीं हो पा रहे हैं इसलिए विलम्ब है। जिलेवासियों को सफेद शेर आने का इंतजार है।

महाराजा को ऐसे मिला मोहन

महाराजा मार्तण्ड सिंह जू देव जंगल में शिकार के लिए गए हुए थे। जहां शेर के 6 नर, 5 मादा व 2 शवकों का शिकार करने के बाद सफेद बाघ को पकड़ा था। मार्तण्ड सिंह ने सफेद बाघ पकड़ने के बाद उसे रीवा पहुंचाया और सफेद बाघ के वंश को आगे बढ़ाने के लिये कई नायाब प्रयास किये। महाराजा के अथक प्रयासों के बाद सफेद शेर मोहन के वंशज में नई पीढ़ी तैयार हुई। जो आज पूरे विश्व में धरोहर के रूप में मौजूद हैं।

ATM में कैश डालने वाला कर्मचारी 78.80 लाख लेकर फरार : SATNA NEWS

होटल में रंगदारी वसूलने वाले शातिर पहुंचे हवालात : SATNA NEWS

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story