मध्यप्रदेश

विंध्य में यहां होती हैं 'रावण की पूजा', लगते हैं जयकारे, फिर होता है पुतला दहन

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:37 AM GMT
विंध्य में यहां होती हैं रावण की पूजा, लगते हैं जयकारे, फिर होता है पुतला दहन
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कोठी गांव के ग्रामीण रावण (Ravana) की प्रतिमा के समक्ष उनकी पूजा-अर्चना (Worship) करते है। उनका कहना है कि रावण ज्ञानी थें और उनके

विंध्य का एक ऐसा गांव जंहा सुबह रावण की होती है पूजा, शाम को किए जाता है पुतला दहन

सतना। देश भर में दशहरा के दिन बुराई का प्रतीक रावण पुतला का दहन किए जाता है। लेकिन मध्यप्रदेश के सतना (Satna) जिले के कोठी गांव के ग्रामीण रावण (Ravana) की प्रतिमा के समक्ष उनकी पूजा-अर्चना (Worship) करते है। उनका कहना है कि रावण ज्ञानी थें और उनके ज्ञान को वे अपना आर्दश मानते है।

सुबह गांजे-बाजे के साथ वे रावण के मंदिर में पहुच कर पूजा-अर्चना (Worship) करते है। जबकि शाम के समय रावण (Ravana) का पुतला दहन करके इस पर्व को पूरे उत्साह के साथ मनाते है।

लगाते है रावण के जयकारे

कोठी गांव में रावण की प्रतिमा वर्षो से स्थापित है। जंहा गांव के ही रमेश मिश्रा रावण की विधि विधान के साथ पूजा करते है। इस पूजा में शामिल होने वाले गांव के लोग जय लंकेश के नारे भी लगाते है।

विंध्य में यहां होती हैं 'रावण की पूजा', लगते हैं जयकारे, फिर होता है पुतला दहन

ऐसी है परम्परा

गांव के लोगो की माने तो यह वर्षो से चली आ रही परम्परा है। मंदिर परिसर में रामलीला का मंचन होता है। दशहरा के दिन रावण की पूजा की जाती है। सुबह पूजा होती तो शाम के समय रावण का पुतला भी दहन किए जाता है।

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