सतना

सतना: तीन वर्ष के पुत्र ने शहीद पिता को हाथ जोड़ कर ऐसे किए सलाम की हजारो लोगो के आंखो से छलक पड़े आंसू, राजकीय सम्मान के साथ हुई दिवगंत धीरेन्द्र की अंतिम विदाई

सतना: तीन वर्ष के पुत्र ने शहीद पिता को हाथ जोड़ कर ऐसे किए सलाम की हजारो लोगो के आंखो से छलक पड़े आंसू, राजकीय सम्मान के साथ हुई दिवगंत धीरेन्द्र की अंतिम विदाई
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सतना: तीन वर्ष के पुत्र ने शहीद पिता को हाथ जोड़ कर ऐसे किए सलाम की हजारो लोगो के आंखो से छलक पड़े आंसू, राजकीय सम्मान के साथ हुई दिवगंत धीरेन्द्र की

सतना: तीन वर्ष के पुत्र ने शहीद पिता को हाथ जोड़ कर ऐसे किए सलाम की हजारो लोगो के आंखो से छलक पड़े आंसू, राजकीय सम्मान के साथ हुई दिवगंत धीरेन्द्र की अंतिम विदाई

सतना। बचपन में पिता से अपनी जरूरतो की ख्वाईस रखने वाला नमन तिरंगे में लिप्टे शहीद पिता की ओर नम आंखो से काफी देर तर देखता रहा और फिर दोनो हाथों को जोड़कर उसने सलाम किए।

मासूम नमन के सलाम को देखकर हर किसी की आंखो से आशु छलक पड़े। सतना जिले पड़िया गांव निवासी शहीद धीरेन्द्र त्रिपाठी का पार्थिव शरीर सीआरपीएफ के जवान उनके ग्रह ग्राम लेकर पहुचे जंहा हजारो की तादात में मौजूद लोगो ने शहीद के अंतिम दर्शन कर भारत माता के जयकारे लगाए।

08 वर्ष पूर्व हुआ था विवाह

शहीद धीरेन्द्र त्रिपाठी का आठ वर्ष पूर्व विवाह हुआ था। तीन वर्ष का उसका पुत्र है। बताया जा रहा है कि एक माह पूर्व वह गांव आया हुआ था। डूयूटी पर जाने के पहले उसने पत्नी को कहां था कि वह दीवाली के पूर्व घर आएगा। उसके पूर्व ही तिरंगे में लिप्टा हुआ उसका पार्थिव शरीर घर पहुच गया। उसे देखकर पत्नी, मां और पिता का बुरा हाल रहा। धीरेन्द्र उनका एकलौता पुत्र था। जिसके चलते घर का चिराह बुझ गया।

मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धाजलि

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान सुबह 11 बजे शहीद के गांव पड़िया पहुचे और उन्होने श्रद्धाजलि देकर कहां कि भारत माता की रक्षा में शहीद हुए विंध्य के लाल पर पूरा प्रदेश आज गर्व कर रहा है। उन्होने इस दौरान शहीद परिवार को एक करोड़ की आर्थिक मदद एवं सरकारी नौकरी देने की भी बात कहीं है।

इस दौरान प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सांरग, मंत्री रामखेलावान पटेल, पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला, सांसद रीवा जनार्दन मिश्रा सहित अन्य जन प्रतिनिधि एवं सेना के अधिकारी व स्थानिय प्रशासन के लोगो ने भी अपनी श्रद्धाजलि दी।

दिए गया गार्ड ऑफ आर्नर

शहीद के सम्मान में सीआरपीएफ के जवानो ने गार्ड ऑफ आर्नर दिए। राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किए गया।

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