मध्यप्रदेश

रीवा: निगम में वित्तीय अनियमितता मामले में नहीं हुई कार्रवाई, शासन को भेजी शिकायत

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:33 AM GMT
रीवा: निगम में वित्तीय अनियमितता मामले में नहीं हुई कार्रवाई, शासन को भेजी शिकायत
x
रीवा: निगम में वित्तीय अनियमितता मामले में नहीं हुई कार्रवाई, शासन को भेजी शिकायत रीवा नगर निगम अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ हो रही

रीवा: निगम में वित्तीय अनियमितता मामले में नहीं हुई कार्रवाई, शासन को भेजी शिकायत

रीवा (विपिन तिवारी ) । नगर निगम अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ हो रही शिकायतों पर वरिष्ठ अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। वह इनकी मनमानी की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, जबकि आए दिन नए नए मामले सामने आ रहे हैं। ननि प्रभारी अधीक्षण यंत्री शैलेन्द्र शुक्ला के खिलाफ शिकायत पर निगम प्रशासक ने ध्यान नहीं दिया तो मंगलवार को समाजसेवी बीके माला ने प्रशासक को दोबारा शिकायत सौंपकर जांच की मांग की है। इसके अलावा शासन स्तर पर भी शिकायत भेेजी गई है।

प्रदेश में आज 2391 नए COVID19 मामले मिले और 33 मौतें आज दर्ज हुईं

बीके माला ने सौंपे गए ज्ञापन में बताया है कि प्रभारी अधीक्षण यंत्री शैलेन्द्र शुक्ला ने जिस भूखंड में अपने मकान का निर्माण कराया है, वह खसरा नंबर 70/57,71,72 तथा नगर निगम रीवा द्वारा जारी अवैध कालोनी सूची दिनांक 20 अगस्त 2009 पत्र क्रमांक 145/नपनि/2009 सूची क्रमांक 19 में दर्ज है। निगम एवं शासन के नियमानुसार अवैध कालोनी के भूखंडों के भवन निर्माण की अनुमति प्रदान नहीं की जाती है। बावजूद इसके शैलेन्द्र शुक्ला द्वारा योजनाबद्ध तरीके से वित्तीय अनियमित्ता कर अपने मकान की भवन अनुज्ञा अपनी पत्नी के नाम से दी गई।
शैलेन्द्र शुक्ला के इस आचरण से नगर निगम को वित्तीय क्षति तो हुई ही है, इसके साथ ही शासन के नियमों व मेयर इन काउंसिल के निर्णय की अवहेलना हुई है। उन्होंने कहा कि निगम प्रशासक को मामले की जानकारी देकर जांच की मांग की गई थी, लेकिन उनके द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। मंगलवार को एक बार फिर उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया है। समाजसेवी ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब शैलेन्द्र शुक्ला द्वारा इस प्रकार की मनमानी की गई है। इसी मनमानी के चलते उन्हें योजना 6 में निलंबित भी किया गया था।

रीवा : 42 करोड़ का है लक्ष्य, अधिकारी-कर्मचारियों की बढ़ी मुसीबत

चल-अचल संपत्ति की हो जांच

समाजसेवी बीके माला ने संभागायुक्त से यह भी मांग की है कि नगर निगम प्रभारी अधीक्षण यंत्री शैलेन्द्र शुक्ला के चल-अचल संपत्ति की जांच भी की जानी चाहिए। निगम में पदस्थापना के बाद से उनके द्वारा जमीनों का क्रय काफी मात्रा में किया गया है। यह संपत्ति उनके परिवारजनों के नाम पर खरीदी गई है। इसके अलावा भी नगर निगम में पदस्थ अन्य अधिकारियों कर्मचारियों की संपत्ति की जांच की जानी चाहिए। समाजसेवी ने दावा किया है कि अधीक्षण यंत्री के पास उनकी आय से ज्यादा संपत्ति है।

मध्यप्रदेश में 25 फ़ीसदी महंगा होगा बस का सफर, पढ़िए पूरी खबर

[signoff]
Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story