मध्यप्रदेश

ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के प्रोफ़ेसर का कोरोना से दुखद निधन

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:31 AM GMT
ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के प्रोफ़ेसर का कोरोना से दुखद निधन
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ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के प्रोफ़ेसर का कोरोना से दुखद निधनसतना : ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट में पदस्थ रहे प्रोफ़ेसर डॉ.जे.के.

ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के प्रोफ़ेसर का कोरोना से दुखद निधन

सतना : ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट में पदस्थ रहे प्रोफ़ेसर डॉ.जे.के. गुप्ता का आज कोरोना संक्रमण से निधन हो गया. उन्हें पखवाडे कोरोना संक्रमित होने पर बाँदा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहा उनके दोनों फेफड़ो में संक्रमण पाया गया लेकिन चिकत्सको के अथक प्रयास के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सके. प्रोफेसर गुप्ता इन दिनों रायपुर में पदस्थ थे.

मध्यप्रदेश में SBI महिला बैंक मैनेजर ने कर डाला बड़ा कांड, ग्राहकों के खातों से गायब किये 3 करोड़ रूपए

इंदौर ( विपिन तिवारी ) । बैंक से पैसे निकल जाने की खबर अब तक आम लोगों की होती थी। लेकिन अब एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इंदौर की एक महिला बैंक मैनेजर ने मेहनत की कमाई पर डांका डाला है।कोई और नहीं महिला बैंक मैनेजर और बैंक का ही एक कर्मचारी ही है। EOW ने SBI महिला बैंक मैनेजर और कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

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3 करोड़ रुपए गायब यह मामला इंदौर शहर की भारतीय स्टेट बैंक की सियागंज शाखा का है। जहां बैंक मैनेजर रहीं श्वेता सुरोईवाला और एक कर्मचारी कौस्तुभ सिंगारे के खिलाफ EOW ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। आरोप है कि दोनों ने मिलकर 49 खाताधारकों के खातों से करीब तीन करोड़ रुपए निकाले हैं।
ये भी पता चला है कि जब खाता धारक बैंक में पैसा जमा कराने के लिए आते थे तो पैसे उनके खातों में जमा न करके बड़े ही शातिर तरीके से दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था और बाद में बैंक मैनेजर श्वेता सुरोईवाला और कर्मचारी कौस्तुभ इन पैसों को निकाल लेते थे। इतना ही नहीं ये भी जानकारी मिली है कि कई लोगों के नाम से लोन भी इन कर्मचारियों के द्वारा निकाले गए हैं और जिन लोगों के नाम पर लोन निकाला गया है उन्हें ही इसकी जानकारी नहीं है। पर्सनल लोन, होम लोन और वाहन लोन में भी बड़ी गड़बड़ियां सामने आई हैं।

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खुलेगा कई फर्जीवाड़ा का राज शाखा के खाताधारकों ने खातों में पैसा जमा न होने की शिकायत पुलिस में की थी जिसके बाद जब पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की तो बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई। खाताधारकों के खातों की जांच की गई तो ये पता चला कि खातों में एंट्री सही से नहीं की जाती थी। जांच अधिकारी ने बताया कि 16 अप्रैल 2018 से 5 जुलाई 2019 तक की जांच करने पर पता चला है कि खाताधारकों ने जो पैसे अपने अकाउंट में जमा कराए वो पैसे शाखा के विभिन्न खातों में एनईएफटी ट्रांसफर, मिनिमम बैलेंस चार्जेस रिर्वसल, पीपीएफ खाते में जमा किया गया और बाद में इन पैसों को अनक्लेम्ड खातों के जरिए निकाला गया है।

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