इंदौर

मध्यप्रदेश: सिरदर्द की शिकायत वाले 81 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:20 AM GMT
मध्यप्रदेश: सिरदर्द की शिकायत वाले 81 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित
x
इंदौर। Coronavirus होने की आशंका सबसे अधिक है। सिरदर्द की शिकायत करने वाले 81 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित मिलें है। ताजा रिसर्च में

इंदौर। Coronavirus (COVID-19) से संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले ऐसे स्वास्थ्यकर्मी जिन्हें सिरदर्द की शिकायत हुई है, उनमें Coronavirus होने की आशंका सबसे अधिक है। सिरदर्द की शिकायत करने वाले 81 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित मिलें है। ताजा रिसर्च में यह निष्कर्ष दिया गया है।

COVID-19 के तमाम लक्षणों से अलग यह वायरस मनुष्यों में सुनने और देखने की क्षमता प्रभावित कर रहा है। अलग-अलग तरह की बीमारियों से पीड़ित लोग इस वायरस के लिहाज से हाई रिस्क कैटेगरी में हैं, लेकिन उनमें सबसे ऊपर हाइपरटेंशन यानी ब्लडप्रेशर के मरीज आते हैं।

Rohit ने MS Dhoni की Team India में वापसी को लेकर तोड़ी चुप्पी, दिया ऐसा बयान

यह दावा रिसर्च जर्नल ऑफ केमिस्ट्री एंड एन्वायर्नमेंट में प्रकाशित रिसर्च पेपर में किया गया है। पुणे के नेशनल इंस्टहट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के अपूर्व अग्रवाल, पुणे कॉलेज की केमिस्ट्री विभाग की शोभा वागमोडे, श्रद्घा गडाले के साथ एन्वायर्नमेंटल डिजास्टर रिसर्च इंस्टीट्यूट से जुड़े इंदौर के केमिस्ट्री के सीनियर प्रोफेसर डॉ. एसएल गर्ग ने यह शोधपत्र तैयार किया है।

COVID-19 पर विश्वभर में प्रमुख रिसर्च लैबोरेटरीज में हुई रिसर्च और मरीजों पर हुए क्लीनिकल रिसर्च का विश्लेषण कर यह शोध तैयार किया गया है। COVID-19 वायरस पर हुई विश्व की प्रमुख 24 रिसर्च को शोधपत्र का आधार बनाया गया है।

डॉ. गर्ग के मुताबिक चीन के साथ अमेरिका और विश्व की प्रमुख लैब व अस्पतालों में हुए शोध का डेटा रिसर्च पेपर का संदर्भ बना है। चीन में काम कर र हे वर्ल्ड रिसर्चर्स एसोसिएशन से जुड़े वैज्ञानिकों ने भी शोध के लिए डेटा उपलब्ध करवाया।

शोधपत्र में बताया गया है कि एंटी वायरल एजेंट और एचआइवी के इलाज में काम आने वाली दवा से कोरोना के इलाज के लिए विश्वभर में शोध चल रहा है। इस बीच दुनियाभर की 50 कंपनियां और लैब वैक्सीन और दवाइयों पर शोध में जुटी हैं। इसमें पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट भी शामिल है।

वैक्सीन भी क्लीनिकल ट्रायल के फेज में आ चुका है। एन सिनो बॉयोलॉजिकल कॉरपोरेशन और बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के स्टेज पर आ चुके हैं। रिचर्स में यह माना गया है कि जब तक इसके वैक्सीन का शोध नहीं होता, तब तक सावधानी और शरीर की इम्युनिटी ही संक्रमण से बचा सकती है। इस दिशा में परंपरागत काढ़े, औषधियां और योग-प्राणायाम मददगार साबित हो सकते हैं।

7.87 फीसदी मरीजों को थी डायबिटिज

अब तक यह कहा जाता रहा है कि पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आने का खतरा रहता है। ताजा स्टडी में सामने आया है कि कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा ब्लडप्रेशर के मरीजों को है। कुल 76 हजार 993 कोरोना मरीजों पर हुए शोध में यह नतीजा निकला है।

COVID-19 संक्रमण का शिकार हुए मरीजों में से 16.37 प्रतिशत लोग हाइपरटेंशन पीड़ित थे। कॉर्डियोवेस्कुलर यानी दिल की बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या 12.11 प्रतिशत रही। 7.87 प्रतिशत ऐसे मरीज संक्रमण का शिकार बने जिन्हें डाइबिटीज थी, जबकि स्मोकिंग की हिस्ट्री वाले 7.63 प्रतिशत कोविड-19 की चपेट में आए।

शोध में सामने आया है कि COVID-19 मरीजों की देखभाल में लगे स्वास्थ्यकर्मी को सिरदर्द की शिकायत होती है तो उन्हें सावधान हो जाना चाहिए। - डॉ. एसएल गर्ग

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story