मध्यप्रदेश

SHIVRAJ के मंत्रिमंडल का विस्तार इसी सप्ताह, ये है शिवराज की ख़ास रणनीति

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:19 AM GMT
SHIVRAJ के मंत्रिमंडल का विस्तार इसी सप्ताह, ये है शिवराज की ख़ास रणनीति
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SHIVRAJ के मंत्रिमंडल का विस्तार इसी सप्ताह, ये है शिवराज की ख़ास रणनीतिभोपाल. CM SHIVRAJ के मंत्रिमंडल के इसी सप्ताह शपथ लेने के आसार

SHIVRAJ के मंत्रिमंडल का विस्तार इसी सप्ताह, ये है शिवराज की ख़ास रणनीति

भोपाल. CM SHIVRAJ के मंत्रिमंडल के इसी सप्ताह शपथ लेने के आसार बन गए हैं। मुख्यमंत्री ने सोमवार को इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन का पहला दौर मंगलवार को समाप्त हो रहा है। अब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात करके मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। बताया जा रहा है कि शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थक दस को मंत्री बनाया जा सकता है। कुल सदस्यों की संख्या 26 तक हो सकती है।

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20 मार्च को कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद 23 मार्च को CM SHIVRAJ ने शपथ ली थी। प्रदेश के इतिहास में ये पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने बिना मंत्रिमंडल के इतने दिन तक सभी जिम्मेदारियां संभाली हों। शिवराज का मंत्रिमंडल न होने से कांग्रेस इस संकट की घड़ी में वन मैन शो करार दे रही थी। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कहा था कि ये कैसी सरकार है जिसमें इस संकट के समय में स्वास्थ्य मंत्री तक नहीं हैं।

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सिंधिया समर्थक ये बनेगे मंत्री

बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थक 10 लोगों को मंत्री बनाया जाएगा। ये पहले भी कमलनाथ सरकार में मंत्री थे। तुलसी सिलावट, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, गोविंद सिंह राजपूत के अलावा कांग्रेस छोड़कर आए ऐदल सिंह कंसाना और हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह दत्ती गांव और बिसाहूलाल सिंह को मंत्री बनाया जाएगा। विधायकी और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले बाकी अन्य 12 को भी निगम मंडलों में एडजस्ट किया जाएगा।

भाजपा में भी कई मंत्रिपद के दावेदार

मंत्रिमंडल में अधिकतम मुख्यमंत्री समेत 35 सदस्य रह सकते हैं। शिवराज मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थक 10 लोगों को शपथ दिलाए जाने की संभावना है। इसके बाद 24 स्थानों के लिए भाजपा अपने विधायक दल में से दावेदारों को चुनेगा। दो दर्जन चेहरों का चुनाव ही सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि मंत्रिपद को लेकर कई दावेदार हैं। कई पुराने चेहरे भी इस बार दावेदारों की कतार में हैं। भाजपा के सामने अपनों को मनाना सबसे ज्यादा मुश्किल काम होगा।

क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद

शिवराज की नई सरकार में सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद होगी। क्षेत्रीय स्तर पर प्रदेश के सभी संभागों से मंत्री बनाने के साथ सामाजिक समीकरण के स्तर पर क्षत्रिय, ब्राह्मण, पिछड़े, अनुसूचित जाति और आदिवासी समाज को प्रतिनिधित्व दिए जाने की संभावना है। मगर कहीं-कहीं भौगोलिक संतुलन बिगड़ रहा है। सागर जिले की ही बात करें तो वहां से गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह के साथ गोविंद सिंह राजपूत भी कैबिनेट में शामिल होने वाले तीसरे दावेदार बन गए हैं। यही हाल रायसेन जिले का है। यहां से प्रभुराम चौधरी के साथ रामपाल सिंह भी मंत्री बनने की दौड़ में हैं।

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