मध्यप्रदेश

राज्यसभा चुनाव : सिंधिया की जीत तय, कांग्रेस को नुकसान, जानिए कैसे ?

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:17 AM GMT
राज्यसभा चुनाव : सिंधिया की जीत तय, कांग्रेस को नुकसान, जानिए कैसे ?
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भोपाल. मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच अगली तैयारी राज्यसभा चुनाव के लिए है। सियासी उठापटक के बीच भाजपा नेता

भोपाल. मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच अगली तैयारी राज्यसभा चुनाव के लिए है। सियासी उठापटक के बीच भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भोपाल आने की अटकलें हैं।

सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा चुनाव की वोटिंग से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं। बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए 26 मार्च को वोटिंग होनी है।

सिंधिया की जीत तय राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदवार बनाया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की जीत तय है। क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के पहली वरीयता के उम्मीदवार है। वहीं, कांग्रेस से दिग्विजय सिंह की जीत तय मानी जा रही है। अब दोनों नेता राज्यसभा में दिखाई देंगे। ये पहला मौका होगा जब ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह एक ही सदन में बैठेंगे।

कांग्रेस को नुकसान राज्यसभा की खाली हो रही सीटों में अभी तक कांग्रेस को दो सीटें मिलती हुई दिखाई दे रहीं थी, लेकिन अब समीकरण बिगड़ गया है और भाजपा के खाते में दो सीटें जाती हुई दिखाई दे रही हैं। भाजपा के दोनों उम्मीदवार, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी का राज्यसभा जाने का रास्ता साफ हो गया है जबकि कांग्रेस की तरफ से केवल दिग्विजय सिंह ही राज्यसभा पहुंच रहे हैं। कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया राज्यसभा चुनाव की दौड़ से बाहर हो गए हैं।

क्या है राज्यसभा का गणित 230 सदस्यों वाली विधानसभा की 24 सीटें खाली हैं। ऐसे में विधायकों की संख्या 206 हो गई है। अह राज्यसभा चुनाव के एक उम्मीदवार के लिए 52 विधायक वोट करेंगे। भाजपा के पास विधायकों की संख्या 107 है जबकि कांग्रेस के पास केवल 92 विधायक हैं ऐसी स्थिति में कांग्रेस के खाते में एक सीट जा सकती है जबकि भाजपा को दो सीटों पर जीत मिल सकती है।

निर्दलीय विधायकों का भी किनारा मध्यप्रदेश में चार निर्दलीय विधायक हैं। कमलनाथ की सरकार गिरते ही निर्दलीय विधायक और सरकार में मंत्री रहे प्रदीप जायसवाल ने भाजपा का समर्थन किया था वहीं, बाकि निर्दलीय विधायक भी भाजपा के संपर्क में हैं ऐसे में कांग्रेस का दो सीट जीत पाने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा।

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