लखनऊ

हाथरस में विपक्ष-मीडिया की एंट्री बैन, सच्चाई छुपा रही यूपी सरकार!

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:34 AM GMT
हाथरस में विपक्ष-मीडिया की एंट्री बैन, सच्चाई छुपा रही यूपी सरकार!
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लखनऊ. हाथरस के उस गांव में जहाँ की बेटी के साथ गैंगरेप और हत्या की वारदात हुई, वहां विपक्ष और मीडिया की एंट्री पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है. कहीं यूपी

लखनऊ. हाथरस के उस गांव में जहाँ की बेटी के साथ गैंगरेप और हत्या की वारदात हुई, वहां विपक्ष और मीडिया की एंट्री पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है. पीड़ित परिवार मीडिया से बात करना चाह रहा है, जिसे प्रशासन द्वारा नहीं करने दिया जा रहा है. कहीं यूपी सरकार सच्चाई छुपाने में तो नहीं जुटी हुई है?

विपक्ष मीडिया की एंट्री बैन

बता दें गाँव में मीडिया एवं विपक्ष के नेताओं के प्रवेश पर पावंदी लगा दी गई है. जगह जगह पुलिस बल तैनात किए गए हैं. परिवार मीडिया से बात करना चाह रहा है पर उन्हें भी इसकी इजाजत नहीं है. जबकि खुद डीएम परिजनों से मिल रहें हैं, उन्हें धमका रहें हैं. इधर, मीडिया का आरोप है कि उन्हें कवरेज करने से भी रोका जा रहा है.

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इसके पहले शुक्रवार को राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को भी परिजनों से मिलने से रोका गया था. दोनों को उनके समर्थकों के साथ यमुना एक्सप्रेस पर रोक दिया गया था. जबकि राहुल और प्रियंका को गिरफ्तार तक कर लिया गया था. परन्तु शाम को दोनों को छोड़ दिया गया. दोनों नेता बिना परिजनों से मिले दिल्ली लौट गए.

पुलिस ने नेताओं पर किया लाठीचार्ज

इतना ही नहीं राहुल गाँधी ने योगी सरकार की पुलिस पर लाठी मारते हुए जमीन पर गिराने के आरोप भी लगाए हैं. शुक्रवार को ही लखनऊ में इस मसले पर प्रदर्शन कर रहे समाजवादी पार्टी के नेताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इस दौरान कई कार्यकर्ताओं को चोट आई, सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया को भी चोटें आई.

आखिर क्या छुपा रहा है प्रशासन?

जब ये सभी कड़ियां मिलती हैं तो प्रशासन के रवैये और उनके मकसद पर सवाल खड़े होते हैं. क्योंकि प्रशासन सच बाहर आने से बचना चाहता है, इसी वजह से किसी की एंट्री पर रोक लगा दी है. आखिर वो कौन-सी तस्वीरें सामने आई हैं, जिनसे प्रशासन के रवैये पर सवाल खड़े होते हैं.

  1. हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार का एक वीडिया सामने आया, जिसमें वो पीड़िता के परिवार से बात कर रहे हैं. यहां डीएम परिवार से कह रहे हैं मीडिया आज है, कल चला जाएगा. आपको हमारे साथ रहना है, ऐसे में मदद स्वीकार कर लीजिए. साफ तौर पर डीएम परिवार को धमकाकर मामले को दबाने की कोशिश में जुटे हैं.
  2. हाथरस के ही एडीएम जेपी सिंह और वकील सीमा कुशवाहा का एक वीडियो सामने आया. जहां सीमा कुशवाहा पीड़िता के परिवार से मिलने जाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन एसडीएम उन्हें आगे नहीं जाने दे रहे हैं. बता दें कि सीमा कुशवाहा ने ही दिल्ली की निर्भया का केस लड़ा था और उन्होंने हाथरस की निर्भया के परिवार को मदद की बात कही है.
  3. मंगलवार की रात को जब पीड़िता का शव हाथरस के गांव पहुंचा तो आधी रात को ही उसे जला दिया गया. इंडिया टुडे की रिपोर्टर तनुश्री पांडे इस दौरान वहां पर ही रहीं, लेकिन जब तनुश्री ने सवाल किया तो पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया. और तुरंत ही डेडबॉडी को जला दिया.
  4. हाथरस जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं, साथ ही धारा 144 लगाई गई है. इसके अलावा प्रशासन ने मीडिया को गांव के अंदर जाने से रोक दिया है.
  5. मीडिया के अलावा विपक्ष के नेताओं को भी जिले में नहीं जाने दिया जा रहा है. गुरुवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को यमुना एक्सप्रेस वे में ही रोक लिया गया, शुक्रवार को टीएमसी और सपा के सांसद जिले की सीमा तक पहुंचे तो आगे नहीं जाने दिया गया.

साफ है कि प्रशासन ने इस मामले में जिस तरह से रिएक्ट किया है, उसपर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. एक तरफ तो प्रदेश सरकार एसआईटी बनाकर सात दिन में मामले की जांच का भरोसा देती है, दूसरी ओर यूपी पुलिस बयान देकर कहती है कि पीड़िता का रेप ही नहीं हुआ था. इसके अलावा फॉरेंसिंक रिपोर्ट में भी यही दावा किया जाता है कि पीड़िता का यौन शोषण नहीं हुआ था, सिर्फ हार्ट अटैक से मौत हुई थी.

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ऐसे में पुलिस और प्रशासन के रवैये को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं और आरोप लग रहे हैं कि सच्चाई से दूर रखा जा रहा है और मामले में कुछ छुपाया जा रहा है.

Aaryan Dwivedi

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