रीवा

रीवाः दंतेवाड़ा में शहीद हुये लक्ष्मीकांत द्विवेदी पंचतत्व में विलीन, नम ऑखो से दी गई विदाई

रीवा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में शहीद हुये रीवा के लाल का पार्थिव शरीर शुक्रवार की शाम जैसे ही उनके गृह ग्राम बरछा पहुचा। पूरा गांव गमगीन हो गया। इस दौरान सभी ने शहीद के अमर रहे के नारे भी लगाये। शाम लगभग 5 बजे उन्हे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनके बड़े भाई ने मुखग्नि दी है।

रीवा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में शहीद हुये रीवा के लाल का पार्थिव शरीर शुक्रवार की शाम जैसे ही उनके गृह ग्राम बरछा पहुचा। पूरा गांव गमगीन हो गया। इस दौरान सभी ने शहीद के अमर रहे के नारे भी लगाये। शाम लगभग 5 बजे उन्हे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनके बड़े भाई ने मुखग्नि दी है।

पापा कह कर पार्थिव शरीर से लिपट गई बेटिया

पापा कहते हुये शहीद वीर सपूत लक्ष्मीकांत द्विवेदी के पार्थिव शरीर से उनकी बेटी रूचि 7 वर्ष और परी 4 वर्ष लिप्ट गई। बेटियो के विलाप को देखकर हर किसी की ऑखे आशुओं से भर गई। तो वही पत्नी अंजू और शहीद के पिता सहित पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल था।

भाई भी छत्तीसगढ़ पुलिस में

त्योंथर तहसील के बरछा गांव निवासी लक्ष्मीकांत द्विवेदी छत्तीसगढ़ में पदस्थ थे। उनके दो भाई इंजीनियर हैं, जबकि एक भाई छत्तीसगढ़ पुलिस बल में हैं।

सुबह फोन पर घर वालो से की थी बात

लक्ष्मीकांत की ड्यूटी ई-कंपनी कैम्प छिंदनगर दंतेवाड़ा में थी। सुबह 9ः30 बजे उन्होंने अपने घर वालों से आखिरी बार फोन पर बात की थी और अपने पिता को यह भरोसा दिलाया था कि छुट्टी में आकर वे उनका इलाज करवाएंगे, लेकिन चंद घंटों बाद ही उनके शहादत की खबर घर पहुंच गई। लक्ष्मीकांत के बड़े भाई इंजीनियर कमलाकांत ने कहा कि उनका सपना था कि गांव में पक्का मकान बने। यह सपना अधूरा ही रह गया।

सांसद ने दी श्रंद्धाजलि

शहीद के गांव पहुचे सांसद जनार्दन मिश्रा, कलेक्टर इलैया राजा टी, एसपी राकेश सिंह ने शहीद जवान को पुष्पाजंलि देकर सलाम किये और घर के लोगो को सात्वना दिये है। शहीद के अंतिम दर्शन के लिये बरछा, ककरहा, चाकघाट सहित आस-पास के गांव के लोग काफी सख्या में पहुंचे थे।

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