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नई दिल्ली। CCI ने कॉन्डम ( Condom ) बनाने वाली करीब एक दर्जन कंपनियों की जांच में बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा किया है। जिसमें करोड़ों रुपयों की हेराफेरी का मामला खुलकर सामने आया है। अब इन कंपनियों पर CCI बड़ा एक्शन लेने का प्नान बना रही है। इस फेहरिस्त में प्राइवेट कॉन्डम कंपनियों के साथ सरकारी कंपनियें के नाम भी शामिल हैं।
CCI करेगा कार्रवाई
CCI ने बताया कि कॉन्डम बनाने वाली 11 कंपनियों ने आपस में मिलीभगत करके धोखाधड़ी की है। बता दें कि यह फर्जीवाड़ा साल 2010 से 2014 के बीच किया गया है। इन 4 सालों में जो भी बोलियां लगाई गईं हैं। उन सभी में इन कंपनियों ने धोखाधड़ी की है, जिसको लेकर सरकार इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है।
सीनियर अधिकारियों ने दी जानकारी
एक सीनियर अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया इन कंपनियों ने साल 2010 से लेकर 2014 तक बोली लगाने में गड़बड़ी की है। यह मामला हाल ही प्रकाश में आया है, जिस पर CII सख्त एक्शन लेने की तैयारी कर रहा है। इन कंपनियों ने मिलीभगत करने के बाद ही ऊंची बोली लगाई गई थी। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया इन कंपनियों में डायरेक्टर, सीईओ और ऑपरेशनल हेड के लेवल पर बोली की कीमतों के बारे में पहले से ही बातचीत कर ली गई थी, जिसके बाद बिड लगाई गई थी। सीसीआई की जांच में पाया गया कि 11 कंपनियों ने कॉन्डम खरीदने के सरकारी टेंडर में मिलीभगत कर धोखाधड़ी की है।
सरकार को लगा करोड़ों का चूना
इन कंपनियों ने मिलकर के सरकार के साथ धोखाधड़ी की है और करोड़ों का चूना लगाया है, जिसको लेकर CCI कड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। बता दें कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने साल 2014 में कॉन्डम की बड़े स्तर पर खरीदारी की थी। सरकार पहले इनकी कंपनियों से खरीदारी कर लेती है और बाद में इसको स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य माध्यम से लोगों को दिए जाते हैं। बता दें फिलहाल अब कॉन्डम खरीदने की जिम्मेदारी सरकार की मेडिकल प्रोक्योरमेंट एजेंसी सेंट्रल मेडिकल सर्विसेज सोसाइटी के पास है।
ये कंपनियां हैं शामिल
आपको बता दें कि इस जांच के घेरे में टीटीके प्रोटेक्टिव डिवाइसेज, सुपरटेक प्रॉफिलेक्टिक्स लिमिटेड, अनोंदिता हेल्थकेयर, क्यूपिड लिमिटेड, मर्केटर हेल्थकेयर लिमिटेड, कॉन्वेक्स लेटेक्स प्राइवेट लिमिटेड, जेके एंसेल प्राइवेट लिमिटेड, यूनिवर्सल प्रॉफिलेक्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडस मेडिकेयर लिमिटेड और हेवेया फाइन प्रॉडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इसके अलावा अगर हम सरकारी कंपनियों की बात करें तो इसमें एचएलएल लाइफकेयर का नाम शामिल है।