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आखिर क्या खाएं की दुबला-पतला शरीर हो बलवान, युवा करे इसका उपयोग

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:40 AM GMT
आखिर क्या खाएं की दुबला-पतला शरीर हो बलवान, युवा करे इसका उपयोग
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बढ़ती उम्र में आमतौर पर शारीरिक बदलाव आने लगते हैं। जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पडता ऐसे में कई बार बीमार पडने का खतरा बना रहा है।

आखिर क्या खाएं की दुबला-पतला शरीर हो बलवान, युवा करे इसका उपयोग

बढ़ती उम्र में आमतौर पर शारीरिक बदलाव आने लगते हैं। जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पडता ऐसे में कई बार बीमार पडने का खतरा बना रहा है। ऐसे मे ंआवश्यक है कि हम कुछ ऐसा खाएं की दुबले-पतले शरीर केा मजबूत बनने में सहायता मिलें। इसमें सबसे ज्यादा सहज और सरल है दूध। दूध के सेवन से शरीर को सभी पोषक तत्व प्राप्त होते है।

आखिर क्या खाएं की दुबला-पतला शरीर हो बलवान, युवा करे इसका उपयोग

ऐसे में सबसे हमारो सामने सबसे बडा प्रश्न यह उठता है कि हम अपने स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रखने अपने खानपान में क्या शामिल करंे कि हम सदैव अपने को चुस्त दुरुस्त रख सकें। अगर हम संतुलित आहर आपने भोजन में शामिल करें तो आसानी से शारीर को मजबूत और तंदुरस्त रख सकते हैं। आइए जानते है कि हमारे कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में हमारे घर पर वह सब मौजूद है जिसका हम सर्दी के समय उपयोग कर अपने को फिट रख सकते हैं।

दूध में हैं सभी पोषक तत्व

दूध में शरीर के लिए सभी आवश्यक पोषकतत्व मौजूद रहते हैं। हम सभी को दूध का सेवन प्रतिदिन एक सीमित मा़त्रा मे ंकरना चाहिए। जानकारी के अनुसार प्रतिदिन 200 से लेकर 250 ग्राम गाय का सुद्ध दूध का सेवन रात के समय गुनगुना करने के बाद करना चाहिए। वही गाय का दूध तो सबसे ज्याद सेहतमंद होता है। वही भैस के दूध में फैट ज्यादा होने से इसका सेवन कम करना चाहिए। वही युवाओं को दूध में छुहारे के साथ ही काजू तथा किसमिस को मिलाकर प्रतिदिन सेवन किया जाये तो हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषकतत्व मिलते हैं।

कौन से तत्व हैं मौजूद

जानकारों कि माने तांे गाय के दूध में सम्पूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें कार्बोहाईड्रेट, बसा, प्रोटीन के साथ ही अन्य तत्व भी मौजूद होते हैं। वही भैस का दूध बसा से भरपूर होता है। जो हमारे शरीर को कई तरह से बीमारियों के खतरे से रक्षा करता है। वही अगर हम दूध की बात करें तो उसमें प्रोटीन के साथ ही कैल्शियम तो रहता ही है साथ में बसा की एक सीमित मात्रा मौजूद रहती है। जो हमारे शरीर को सदैव तरोताजा रखता है।

Aaryan Dwivedi

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