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शिवरात्रि , हिन्दू परंपरा का एक बहुत बड़ा पर्व है. माना जाता है इस दिन शिव जी का प्राकट्य हुआ था. इसके अलावा शिव जी का विवाह भी इस दिन माना जाता है. इस दिन महादेव की उपासना से व्यक्ति को जीवन में सम्पूर्ण सुख प्राप्त हो सकता है. इस दिन व्रत, उपवास, मंत्रजाप तथा रात्रि जागरण का विशेष महत्व है. सावन का महीना शिव जी का महीना है, अतः सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व हो जाता है. इस दिन बहुत सारे विशेष प्रयोगों से मनचाहा वरदान मिल सकता है. इस बार सावन की शिवरात्रि 09 अगस्त को है.
कैसे करें शिव जी की उपासना इस दिन ?
- प्रातः काल स्नान करके शिव पूजा का संकल्प लें
- सूर्य को अर्घ्य दें , तथा शिव जी को जल अर्पित करें
- इसके बाद पंचोपचार पूजन करके शिव जी के मन्त्रों का जाप करें
- रात्रि में शिव मन्त्रों के अलावा रुद्राष्टक अथवा शिव स्तुति का पाठ भी कर सकते हैं
- अगर चार पहर पूजन करते हैं तो पहले पहर में दूध , दूसरे में दही , तीसरे में घी और चौथे में शहद से पूजन करें
- हर पहर में जल का प्रयोग जरूर करना चाहिए
शिवरात्रि में किन विशेष प्रयोग से क्या लाभ होगा?
१- धन की प्राप्ति के लिए
- दूध, दही, शहद,शक्कर और घी से भगवान शिव का अभिषेक करें
- इसके बाद जल धारा अर्पित करें
- ॐ दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय का जप करें
- फिर धन प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें
२- संतान के लिए
- शिव लिंग पर घी अर्पित करें
- फिर जल की धारा अर्पित करें
- ॐ शं शंकराय नमः का जप करें
- फिर संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें
३- विवाह के लिए
- शिव लिंग पर १०८ बेल पत्र अर्पित करें
- हर बेल पत्र के साथ " नमः शिवाय" कहें
- इसके बाद जल की धारा अर्पित करें
- शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें
४- रोजगार के लिए और मनचाही नौकरी के लिए
- शिवरात्रि के दिन जलधारा से भगवान शिव का अभिषेक करें
- शिव मंदिर में ११ घी के दीपक जलाएँ
- ॐ विश्वनाथाय नमः का जप करें
५- स्वास्थ्य और आरोग्य के लिए
- इत्र से भगवान शिव का अभिषेक करें , इसके बाद जल अर्पित करें
- मंदिर में ही "ॐ जूं सः माम पालय पालय " का ११ माला जाप करें
- संभव हो तो रुद्राक्ष की माला भी आज से धारण करें
सावन की शिवरात्रि पर किन बातों का ध्यान रखें?
- जहाँ तक सम्भव हो शिव जी की पूजा रात्रि में ही करें
- शिव जी की पूजा सात्विक रूप से करें
- इस दिन रुद्राभिषेक न करें, श्रृंगार कर सकते हैं
- उपवास रखना बहुत ज्यादा शुभफलदायी होगा - पर अगर ऐसा न कर पाएं तो सात्विक आहार ही ग्रहण करें
- इस दिन कुछ न कुछ दान अवश्य करें