कटनी

MP: 15 मिनट में 200 किमी पार कर गया यह अनोखा ट्रक, यह खबर आपको हैरान कर देगी...

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:03 AM GMT
MP: 15 मिनट में 200 किमी पार कर गया यह अनोखा ट्रक, यह खबर आपको हैरान कर देगी...
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फर्जी इटीपी से हो रहा था रेत का कारोबार, रेत माफिया पर प्रशासन ने कसा शिकंजा, वन विभाग ने की ताबड़तोड़ कार्यवाही, तीन हाइवा, चार ट्रेक्टर रेत से लदे किया जब्त कटनी/बरही. रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन में बरही वन क्षेत्र के हलफल नदी एवं जाजागढ़ की पिपही नदी में लूट मची है। नदियां रेत उत्खनन से खोखली हो गई है। कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आते हैं प्रशासनिक अमला इनके विरुद्ध ताबड़तोड़ कार्रवाई करने में जुटा है। रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन में हो रहे फर्जीवाड़ा की भी कलई तब खुली जब बरही में वन विभाग में नव पदस्थ रेंजर शैलेंद्र तिवारी प्रशिक्षु, गौरव सक्सेना वनपाल एवं एसएफ वन विभाग के अमले ने पकड़े गए ट्रकों के कागजातों की पड़ताल की। जिसमें रेंजर ने बताया कि पकड़े गए वाहनों का खनिज परिवहन के लिए रजिस्ट्रेशन नही था लंबे समय से यह गोरखधंधा हलफल नदी एवं जाजागढ़ की पिपहीनदी से हो रहा है।

देर रात को पकड़े गए ट्रक में फर्जी इटीपी से परिवहन हो रहा था उनका खनिज परिवहन के लिए रजिस्ट्रेशन भी नहीं था। 3 बजे अनूपपुर के बकही खदान के नाम पर जारी हुई इटीपी 3.30 बजे बरही में पकड़े गए फर्जी टीपी से ही गोरखधंधा चल रहा था। चालकों ने रेंजर को मोबाइल के मैसेज दिखाए। उसमें 15 दिसंबर को तड़के 3 बजे अनूपपुर जिले की बकही रेत खदान से जारी होना दर्शाया जबकि बरही से अनूपपुर की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है। और ट्रक 15 मिनट में बकही से बरही तक रेत लोड ट्रकों का पहुंचना कतई संभव नही हो सकता। जाहिर है और यह मामला उजागर हुआ कि इसीप्रकार फर्जी टीपी से रेत के अबैध एवं परिवहन से पिपही नदी एवं हलफल नदी छलनी हो गई और खोखले हो गई नदियां।

हुई ताबड़तोड़ कार्यवाही इन वाहनों पर हुई ताबड़तोड़ कार्यवाही शनिवार तड़के वन विभाग के संयुक्त अमले ने बिचपुरा रोड रेत से भरे तीन ट्रक पकड़े थे। जिसमे ट्रक क्रमांक एमपी 19 एचए 3127 के चालक अरुण कुमार निवासी मैहर सतना, एमपी 16 एच 0787 के चालक लल्लू कोल निवासी उचेहरा सतना एवं हाइवा क्रमांक एमपी 19 एचए 2098 के चालक राकेश बर्मन पिता रामकुमार निवासी रोहनिया मानपुर उमरिया के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। इन ट्रकों समीप के ही पिपही नदी एवं हल फल नदी एवं नालो वन क्षेत्र से रेत का अबैध परिवहन किया जा रहा था। इन वाहनों में वन सीमा के नालों मुनारा एवं आरक्षित नदी जहां वन्य प्राणी हिरण जंगली ***** शेर आदि विचरण करते हैं उनकी शरण स्थली है यहां से सतत अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी रहा है। नवागत रेंजर शैलेंद्र तिवारी एवं प्रशिक्षु गौरव सक्सैना वनपाल की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई एवं जुगलबंदी ने रेत माफियाओं के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। जब दोनों अधिकारियों द्वारा एसएफ टीम के साथ वन क्षेत्र का शतत भ्रमण किया जा रहा है। रात 3 बजे यह कार्रवाई तथा 18 दिसंबर को इसी टीम ने चार नए ट्रैक्टर रेत से लदे बिना नंबर के इसी तरह जप्त किया है।

लंबे अरसे से चल रहा फर्जी टीपी का गोरखधंधा रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन में फर्जी टीपी का गोरखधंधा चल रहा है। इसके पहले 11 अगस्त को टीकमगढ़ जिले के चंदेरा थाना क्षेत्र के पटवा तिगैला में रेत का परिवहन करते हुए यूपी 77 टी 15614 को पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ा था। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि उक्त ट्रक के चालक ने इटीपी पेश की थी। उसमें 11 अगस्त को जारी होने का समय शाम 4.22 था जबकि ट्रक 250 किलोमीटर दूर शाम 5.30 बजे पकड़ा गया था। उक्त ईटीपी सास्वत एसोसिएट प्राइवेट लिमिटेड रीठी जिला कटनी द्वारा जारी की गई थी जब से ग्राम पंचायतों को रेत खदानों का संचालन का काम मिला है तब से कहीं से भी रेट निकालो ग्राम पंचायतों से इटीपी जारी हो जाती है इसमें खनिज विभाग से अन्य जिम्मेदार का मैदानी अमला जानबूझकर आंखें बंद किए रहता है। कटनी जिले में खनिज विभाग नकारा बना हुआ है।

चेक पोस्ट पर वेरीफिकेशन अनिवार्य बरही के नव पदस्थ रेंजर शैलेंद्र तिवारी का कहना है कि वन अधिनियम के अनुसार रेत का परिवहन करने वाले चालकों को ईएटीपी का प्रिंट आउट साथ लेकर चलना चाहिए रास्ते में पडऩे वाले वनोपज चेकपोस्ट नाके से गुजरने का टाइम नोट करवाकर से लगवाना आवश्यक है। तिवारी के अनुसार बकही से बरही तक पडऩे वाले वन उपज जांच नाको से रिपोर्ट मंगाई जा रही है और वहां से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद वाहन मालिकों एवं चालकों के खिलाफ वन अधिनियम के अलावा धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध कराया जाएगा।

इनका कहना है रेत उत्खनन की शिकायत मिली है जिसपर कार्यवाही जारी है और वन क्षेत्र में जहां भी रेत के अबैध उत्खनन की जानकारी लगती है वहां जांच करता हूं। किसी भी दोषी को बक्सा नही जाएगा। -शैलेन्द्र तिवारी, बरही वन परिक्षेत्र अधिकारी।

Aaryan Dwivedi

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