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Rain in Madhya Pradesh : अधिकांश स्थानों पर नदी-नाले उफने, शनिवार को यहां भारी बारिश की संभावना
भोपाल। शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया है। अभी तक प्रदेश में सामान्य से 7 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। शुक्रवार को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर बरसात हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में कम दबाव के क्षेत्र का रुख उत्तरप्रदेश की तरफ हो गया है,लेकिन उसके प्रभाव से दक्षिण-पश्चिमी मप्र में तेज बौछारें पड़ रही हैं। इसी क्रम में शनिवार को ग्वालियर,सागर संभाग में कहीं-कहीं भारी बरसात होने की भी संभावना है। इस दौरान भोपाल में भी तेज बौछारें पड़ सकती हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शुक्रवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक टीकमगढ़ में 40,उज्जैन में 31.9,श्योपुरकला में 24,शाजापुर में 20,इंदौर में 16,रतलाम में 14.6,पचमढ़ी में 8,ग्वालियर में 5.6,होशंगाबाद में 5,सीधी में 3,सतना में 2 और भोपाल में 1.2 मिमी. बरसात हुई।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव के मुताबिक अति कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में पूर्वी मप्र.और उससे लगे उप्र. पर सक्रिय है। दक्षिणी गुजरात पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। साथ ही एक ट्रफ(द्रोणिका लाइन)राजस्थान से पूर्वी मप्र पर बने लोप्रेशर क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इस वजह से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों स्थानों से नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इससे पूरे प्रदेश में बरसात हो रही है।
मालवा पर मेहरबान मानसून वर्तमान में मालवा क्षेत्र में मानसून खासा मेहरबान है। जिसके चलते रतलाम में सामान्य से 210,मंदसौर में 121,झाबुआ में 108,नीमच में 102,उज्जैन में 72,खंडवा में 70,इंदौर में 59 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पूरे प्रदेश में शुक्रवार सुबह तक सामान्य से 7 प्रतिशत अधिक बरसात हो चुकी है। इसमें पश्चिमी मप्र में अभी तक सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है।
कहीं रिमझिम तो कहीं झमाझम, आलीराजपुर के कटवाल में स्कूल की छत गिरी मालवा-निमाड़। अंचल में रिमझिम और तेज बारिश जारी है। नदी-नाले उफान पर हैं। आलीराजपुर के ग्राम कटवाल में प्राथमिक विद्यालय भवन की छत गुरुवार रात बारिश से ढह गई। गनीमत रही कि उस समय वहां कोई नहीं था। स्कू ल में पांचवीं तक के 72 बच्चे दर्ज हैं। ग्रामीणों के अनुसार 1986 में बना भवन जर्जर था। शिक्षकों को भी शिकायत की थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।
उज्जैन शहर में अब तक 6.53 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि अकेले नागदा 24 घंटे में 6 इंच बरसात हो चुकी है और इस मौसम में 22 इंच पानी बरसा है। जो पिछले वर्ष के मुकाबले 14 इंच अध्ािक है।
खंडवा में लगातार बारिश से सुक्ता, आबना सहित अन्य नदियां लबालब हो गई हैं। शास्त्री नगर में रामेश्वर नाले की पाल बहने से लोगों के घरों तक पानी पहुंच गया। मुंबई से आ रही ट्रेनों के देर से चलने के कारण यात्री परेशान हैं।
बड़वानी के सेंधवा में करीब ढाई इंच हुई। धार के बखतगढ़ में बागड़ी नदी उफान पर रही। सरदारपुर क्षेत्र में 2 इंच बारिश हुई। जिला मुख्यालय पर भी 1 इंच वर्षा दर्ज की गई है। स्कू लों व अन्य स्थानों पर पानी जमा होने की स्थिति बनी।
खरगोन के महेश्वर में 24 घंटे में दो इंच बारिश हुई। झाबुआ के पेटलावद क्षेत्र में खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान पहुंचा है।
शाजापुर में लखुंदर नदी उफनने से करेड़ी पुलिया से एक फीट ऊपर पानी बह निकला। खास बात यह है कि जादमी बैराज बनाए जाने से इस पुलिया की ऊंचाई हाल ही में पांच फीट बढ़ाई गई थी। लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करते रहे।
रतलाम जिले में नदी-नाले उफनने से कई मार्ग अवरुद्ध हो गए। राहगीरों व वाहन चालकों ने जान जोखिम में डालकर आवाजाही की। 24 घंटे में जिले में पांच इंच से अधिक बारिश हुई।