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MP सरकार पर हनीट्रैप मामले में लीपापोती का आरोप, हाई कोर्ट की निगरानी में की जाए जांच, जनहित याचिका दायर
इंदौर। हनीट्रैप मामले में हाई कोर्ट में गुरुवार को जनहित याचिका दायर हुई। इसमें मांग की है कि मामले की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में कराई जाए। शासन ने एसआईटी का गठन तो कर दिया लेकिन अधिकारी बार-बार बदले जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में जांच में गड़बड़ी की आशंका है। हाई कोर्ट में याचिका शेखर चौधरी ने अभिभाषक धर्मेंद्र चेलावत के माध्यम से दायर की है। इसमें कहा है कि कुछ दिन पहले आईपीएस संजीव शमी को एसआईटी का प्रमुख बनाया था लेकिन बाद में बदल दिया गया। जो भी अधिकारी जांच कर रहे हैं वे राज्य शासन के अधीन हैं, ऐसी स्थिति में जांच के अप्रभावित रहने की संभावना कम है। जांच सीबीआई या किसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाए। और हाई कोर्ट दिन प्रतिदिन इसकी निगरानी करे जिससे निष्पक्ष जांच हो सके।
दिशा से भटकाने का आरोप याचिका में आरोप है कि सरकार इस मामले की जांच की दिशा भटकाने का प्रयास भी कर रही है। बार-बार जांच अधिकारी बदले जा रहे हैं। जैसे ही जांच आगे बढ़ती है, सरकार एसआईटी के अधिकारियों को बदल देती है।
स्पेशल डीजी राजेंद्र कुमार पहुंचे इंदौर, शमी ने सौंपा रिकॉर्ड हनी ट्रैप मामले की छानबीन के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की कमान मिलते ही स्पेशल डीजी राजेंद्र कुमार ने इंदौर पहुंचकर जांच अधिकारियों से अब तक का अपडेट लिया। मामले से संबंधित सभी डेटा और रिकॉर्ड भोपाल से बुलवा लिया है। दो दिन पूर्व तक एसआईटी प्रमुख रहे संजीव शमी ने भी उन्हें मामले से जुड़ी सभी फाइलें सौंप दीं।
नए एसआईटी प्रमुख ने इंदौर आने से पहले मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी। अधिकृत तौर पर स्पेशल डीजी राजेंद्र कुमार ने गुरुवार को एसआईटी का कार्यभार संभाल लिया। इंदौर पुलिस एवं एसआईटी दोनों ही आरोपी महिलाओं के साथ लंबी पूछताछ कर चुके हैं। करीब दो सप्ताह तक चली पूछताछ में एसआईटी को जो साक्ष्य और जानकारियां मिलीं, उसके बारे में टीम की वरिष्ठ सदस्य इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा ने स्पेशल डीजी को ब्रीफिंग की। एसआईटी प्रमुख ने इस हाई प्रोफाइल मामले को लेकर छानबीन में जुटी टीम को जरूरी टिप्स भी दिए।
शमी ने सौंपी फाइलें, भोपाल बुलवाया डेटा बताया जाता है कि एसआईटी ने इस मामले में जो भी जानकारियां जुटाई हैं, उसका पूरा डेटा एसआईटी प्रमुख ने भोपाल बुलवा लिया है। इसके अलावा पुलिस मुख्यालय में एसआईटी के दो दिन पूर्व तक मुखिया रहे एडीजी संजीव शमी ने भी इस सनसनीखेज मामले से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण फाइलें और रिकॉर्ड राजेंद्र कुमार को सौंप दिए। दोनों अधिकारियों ने इस मामले के संदर्भ में काफी देर तक विचार विमर्श भी किया।