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भय्यू महाराज की आत्महत्या को लेकर आया नया मोड़, चौका देने वाली है खबर
इंदौर।भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में 6 दिन बाद भी पुलिस आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं कर पाई है। मामले में पुलिस ने महाराज के परिजनों, सेवादारों और कुछ निकट मित्रों के बयान लिए हैं लेकिन पुलिस को इन बयानों से कुछ खास हासिल नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि पुलिस एक बिंदु को लेकर विचलित है कि भय्यू महाराज जिस हाथ से अपना सारा काम करने थे, उस हाथ से उन्होंने पिस्टल नहीं चलाई थी। इसी असमंजस को दूर करने के लिए एफएसएल की टीम भय्यू महाराज के सिल्वर स्प्रिंग स्थित घर में दूसरी बार जांच के लिए पहुंची। जिस कमरे में महाराज ने खुद को गोली मारी थी पुलिस की टीम ने वहां गहराई से जांच की। मामले में अहम गवाह पुणे के सेवादार अमोल चव्हाण के बयान भी अब तक पुलिस द्वारा नहीं लिए गए है।
उल्टे हाथ से करते थे सारा काम भय्यू महाराज लेफ्टी थे। वह अपना अधिकांश काम उल्टे हाथ से करते थे, लेकिन महाराज ने अपनी कनपटी के दाहिने हिस्से पर गोली मारकर जान दी, इसके लिए उन्होंने अपने दांए हाथ से पिस्टल पकड़कर गोली मारी थी। पुलिस को यह बात खटक रही है। इसी के चलते एफएसएल की टीम ने दोबारा घटनास्थल पर पहुंचकर सबूत खंगाले।
आत्महत्या के एक दिन पहले 1800 सेकंड बात आत्महत्या के एक दिन पहले 11 जून को भय्यू महाराज अपनी कार से पुणे जा रहे थे। इस दौरान महाराज के पुणे स्थित आश्रम का सेवादार अमोल चव्हाण उन्हें लगातार कॉल कर रहा था। पुलिस द्वारा निकाली गई कॉल डिटेल के अनुसार 11 जून को भय्यू महाराज और अमोल के मध्य 1800 सेकंड बात हुई थी। बात करने के दौरान भय्यू महाराज अपने ड्राइवर और सेवादार को कार से नीचे उतार देते थे। पुलिस का कहना है कि इंदौर से पुणे जाने के दौरान महाराज को आरुषी, कुहू और अमोल के कॉल लगातार आ रहे थे। इसके बाद ही महाराज अचानक बीच रास्ते से लौटकर इंदौर आ गए थे। इस मामले में पुलिस अब तक सेवादार अमोल का बयान नहीं ले सकी है।
इंदौर से पहले ग्वालियर में पढ़ी थी आयुषी मामले को लेकर पुलिस भय्यू महाराज के करीबी लोगों का इतिहास भी खंगाल रही है। इसके चलते पुलिस ने महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी के हॉस्टल में भी जाकर पूछताछ की। महाराज से शादी करने के पहले आयुषी इंदौर के भंवरकुंआ क्षेत्र स्थित परमहंस हॉस्टल में रहती थी। जांच में पता चला की आयुषी शिवपुरी के खनियादहाना गांव के शिक्षक की बेटी है। गांव में पढ़ाई की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हाेेने के कारण आयुषी को उच्च शिक्षा के लिए ग्वालियर आना पड़ा। यहीं आयुषी की दोस्ती विवेक नामक युवक से हुई थी। बताया जाता है कि आयुषी और विवेक के मध्य गहरी दोस्ती थी जो आयुषी के इंदौर आने के बाद भी जारी थी। हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि भय्यू महाराज से शादी के बाद आयुषी और विवेक के मध्य संपर्क था अथवा नहीं। पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है।
पत्नी आैर बेटी सेवादारों से करवा रही थीं भय्यू महाराज की जासूसी भय्यू महाराज के सेवादारों के बयान के बाद पुलिस को इस बात की जानकारी मिली है कि महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी और उनकी बेटी कुहू सेवादारों से महाराज की गतिविधियों की जानकारी लेती रहती थी। हालांकि पत्नी और बेटी एक दूसरे से संबंधित गतिविधियों की जानकारी ही लेती थी। सेवादारों ने पुलिस को बतया कि आयुषी भय्यू महाराज के ड्राइवर शरद सेवलकर और सेवादार शेखर शर्मा को कॉल कर इस बात की जानकारी लेती थी कि कुहू से महाराज ने कब-कब और क्या-क्या बात की। वहीं दूसरी आैर महाराज की बेटी कुहू सेवादार विनायक दुधाले के संपर्क में रहती थी। कुहू विनायक से यह पूछती थी की महाराज आयुषी के साथ कहां-कहां घूमने गए और आयुषी के माता-पिता के लिए क्या-क्या किया।