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अस्थमा एवं सांस संबंधित बीमारियों में काफी राहत देता है कपालभांति प्रणायाम, जानिए करने की विधि

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:37 AM GMT
अस्थमा एवं सांस संबंधित बीमारियों में काफी राहत देता है कपालभांति प्रणायाम, जानिए करने की विधि
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सांस एवं अस्थमा रोग से ग्रसित होने का एक प्रमुख कारण प्रदूषित भी वायु है। दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे वाहनों की संख्या, धुआ, सड़क से

अस्थमा एवं सांस संबंधित बीमारियों में काफी राहत देता है कपालभांति प्रणायाम, जानिए करने की विधि

सर्दी का मौसम शुरू होने वाला हैं। इस मौसम में अस्थमा एवं सांस रोग से पीड़ित व्यक्ति को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। वैसे भी आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी शरीर का ठीक से ख्याल नहीं रख पाते है जिससे असमय ही कई तरह की बीमारियां इंसान को घेरने लगती है।

सांस एवं अस्थमा रोग से ग्रसित होने का एक प्रमुख कारण प्रदूषित भी वायु है। दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे वाहनों की संख्या, धुआ, सड़क से उड़ने वाली धूल इंसान को अस्थमा या दमा का मरीज बना देती है। जिससे इंसान को सास लेने में काफी दिक्कत होने वाली हैं। जानकारों की माने तो अस्थमा एवं सांस लेने में जिस भी इंसान को दिक्कत होती है उसके लिए कपालभाति प्राणायाम काफी लाभदायक हैं। इस योग को डेली करने से इस बीमारी में जल्द ही आराम मिलने लगता है। तो चलिए जानते है इस प्राणायाम के बारे में।

ये मिलते है फायदें

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो कपालभाति प्राणायाम करने से आंखों के नीचे काले घेरे जल्द ही ठीक होने लगते हैं। इसके अलावा दांतों एवं बालों की समस्या भी धीरे-धीरे इस प्राणायाम को करने से ठीक होती है।

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कपालभांति प्राणायाम करने से पेट में कब्ज, एसिडिटी, गैस आदि तरह की समस्या दूर होती है। इस योग को करने से श्वसन मार्ग पूरी तरह साफ हो जाता है जिसके कारण सांस संबंधित दिक्कतें भी दूर हो जाती हैं। यह योग मस्तिष्क को सक्रिय करने में भी काफी सहायक है।

योग को करने की विधि

इस प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले सिद्धासन, ब्रजासन एवं पद्मासन पर बैठ जाएं। इस दौरान ध्यान रखे कि आपके दोनों हाथ पलथी पर हो और आप सीधा बैठे। फिर धीरे-धीरे सामान्य से गहरी सांसे लेते हुए छाती को फुलाएं। इसके बाद झटके से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की तरफ खींचें।

जानकारों की माने तो कपालभांति योगासन करने के दौरान ली गई गहरी सांस को झटके से छोड़े। जानकारों की माने तो इस योगासन का संबंध सीधे तौर पर दिमाग से होता हैं। अगर इस प्राणायाम को सही तरीके से नहीं किया गया तो न्यूरोलाॅजिक एवं हृदय रोग संबंधित प्राॅब्लम हो सकती है। लिहाजा इस योग करने विधि पूर्वक ही करें, या फिर से जानकारी से इस बारे में सलाह अवश्य लें।

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