Mp E-Tendering Scam के अहम दास्तावेज जब्त, हैदराबाद इनकम टैक्स ने खंगाले रिकार्ड...
Mp E-Tendering Scam के अहम दास्तावेज जब्त, हैदराबाद इनकंम टैक्स ने खंगाले रिकार्ड…
भोपाल। मध्य प्रदेश के ई-टेंडरिंग घोटाले ( Mp E-Tendering Scam ) की जांच में लगी हैदराबाद से आई इनकम टैक्स विभाग की टीम के अधिकारियो ने कंप्यूटर की हार्ड डिस्क जब्त कर ली है। मीडिया खबरो के तहत इनकंम टैक्स के अधिकारी आरोपी आदित्य त्रिपाठी के रोहित नगर स्थित आफिस पहुचे थें।
दो दिनों से चल रही थी जांच
जानकारी के तहत इस टीम ने 9 फरवरी को सुबह मेंटाना कंस्ट्रक्शन कंपनी और सहयोगी आदित्य त्रिपाठी के भोपाल स्थिति 3 ठिकानों पर छापा कार्रवाई शुरू की थी, जो 10 फरवरी शाम 5 बजे पूरी हो गई है।
पैसों के लेनेदेन वाले दस्तावेज भी मिले
सूत्रों ने बताया कि इनकम टैक्स की टीम ने मेंटाना कंपनी के अरेरा कॉलोनी स्थित गेस्ट हाउस के अलावा आदित्य त्रिपाठी के रोहित नगर में अर्नी इंफ्रा के ऑफिस व शाहपुरा स्थित घर पर छापा कार्रवाई की। जिसमें सरकारी ठेके लेने के एवज में जमकर रूपये के लेने देन किए जाने दस्तावेज हाथ लगे हैं। इससे पहले ईडी की जांच में भी आयकर चोरी के दस्तावेज मिले थे।
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इस तरह से टैक्स चोरी
ई टेंडर ( Mp E-Tender ) के जरिए ठेके लेने वाली कंपनियों ने बड़े पैमाने पर बोगस बिलिंग की थी। इसके जरिए करोड़ों रुपए की सप्लाई का इनपुट टैक्स रिबेट ले लिया गया। इस आईटीसी से कंपनी करोड़ों रुपए की टैक्स देनदारी से बच गई।
हैदराबाद के 12 स्थानों में छापेमारी
मेंटाना कंस्ट्रक्शन कंपनी के चैयरमैन श्रीनिवास राजू के हैदराबाद के 12 ठिकानों में छापेमारी की गई थी। ससे जुड़ी कई कंपनियों के भी रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने श्रीनिवास राजू और आदित्य त्रिपाठी को 21 जनवरी को हैदराबाद में गिरफ्तार किया था।
एमपी के पूर्व अधिकारी से जुड़े है तार
मेटाना कंपनी पर मप्र सरकार के ठेकों में ऑनलाइन टेंपरिंग कर कई कंपनियों को फायदा पहुंचाने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। श्रीनिवास राजू के तार मप्र के पूर्व मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी से जुड़ने के कारण ईडी पहले पूछताछ कर चुकी है। ईडी की टीम ने 7 जनवरी को गोपाल रेड्डी के हैदराबाद स्थित आवास पर छापेमारी कर दस्तावेजों की छानबीन की थी।
2018 में सामने आया था मामला
मप्र का ई-टेंडरिंग घोटाला अप्रैल 2018 में उस समय सामने आया था जब जल निगम की तीन निविदाओं को खोलते समय कम्प्यूटर ने एक संदेश डिस्प्ले किया। इससे पता चला कि निविदाओं में टेम्परिंग की जा रही है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के आदेश पर इसकी जांच मप्र के ईओडब्ल्यू को सौंपी गई थी।प्रारंभिक जांच में पाया गया था कि जीवीपीआर इंजीनियर्स और अन्य कंपनियों ने जल निगम के तीन टेंडरों में बोली की कीमत में 1769 करोड़ का बदलाव कर दिया था। ई टेंडरिंग को लेकर ईओडब्ल्यू ने कई कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हुई है।
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