कड़कनाथ पालन से बदली मध्य प्रदेश के कबाड़ व्यापारी की किस्मत, धोनी भी हैं फैन
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) झाबुआ (Jhabua) में पाया जाने वाला कड़कनाथ (Kadaknath) मुर्गे का पालन अब इसके विभिन्न राज्यों में भी किए जाने लगा है। कड़क खासियत जानने के बाद पूर्व क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) भी कड़कनाथ (Kadaknath) पालन में लगे हुए हैं। धोनी अपने पोल्ट्री फार्म के लिए झाबुआ (Jhabua) के एक ऐसे व्यापारी से मंगाते हैं जो किसी जमाने में कबाड़ का व्यापार कर पेट पालता था लेकिन जब से कड़कनाथ का व्यापार करना उस व्यापारी ने शुरू किया तब से उसकी गिनती बड़े व्यापारियों में होने लगी।
दिलचस्प है कबाड़ से कड़कनाथ (Kadaknath) तक की यात्रा
हम बात कर रहे हैं कबाड़ का कभी व्यापार करने वाले झाबुआ (Jhabua) निवासी विनोद मेडा की। विनोद बताते हैं उनकी शिक्षा-दीक्षा मात्र 12वीं तक है वह पूर्व में कबाड़ का काम क्या करते थे इसी बीच कड़कनाथ (Kadaknath) के बारे में जानकारी मिली और वह कड़कनाथ मुर्गे के पालन में लग गए।आज हालत या है पिछले वर्ष पूर्व क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कड़कनाथ के 2000 चूजे मगवाये थे जिनसे धोनी को पर्याप्त आमदनी होने के बाद वाह दोबारा झाबुआ (Jhabua) के रहने वाले विनोद से पुनः 2000 चूजे मंगवा चुके है।
प्रशासन के सहयोग से मिला ऋण
विनोद बताते हैं कि पिता के विकलांग होने के बाद वह भी पुश्तैनी कार्य मजदूरी में लग गए। लेकिन उससे परिवार का गुजारा नहीं हो रहा था ऐसे में वह गुजरात (गुजरात) चले गए और वहां कबाड़ के व्यापार में लग गए जिससे मात्र 10 हजार रुपए से ज्यादा की आमदनी नहीं हो रही थी।कुछ दिनों बाद वह वापस अपने गांव झाबुआ के थांदला आ गए। वहां उन्होंने सबसे पहले अपने घर की मरम्मत के कार्य में लगे रहे इसी दौरान किसी ने उन्हें कड़कनाथ पालन (Kadaknath Rearing) के बारे में बताया। लेकिन पैसे के अभाव में वाह क्या करते। इसी बीच उन्होंने शासकीय योजनाओं के बारे में जानकारी ली और संयोग से पुणे 5 लाख लोन मिल गया। जिसके बाद वह घर के पास ही पोल्ट्री फार्म का निर्माण करवाया और कड़कनाथ पालन में लग गए।
150 रुपए में बिकता है चूजा
वर्तमान समय में कड़कनाथ पालन (Kadaknath Rearing) पूरे देश में हो रहा है। मुर्गी पालन से जुड़े हुए लोग कड़कनाथ को विशेष महत्व देते हैं ऐसे में विनोद को चूजों का पर्याप्त आर्डर मिल रहा है। जानकारी के अनुसार 1 माह के एक दूजे की कीमत 150 रुपए है। वही एक बड़े कड़कनाथ मुर्गे की कीमत 800 से 1000 रुपए है।
कांट्रैक्ट फार्मिंग (Contract Farming) भी करते हैं विनोद
2.5 हेक्टेयर में विनोद ने अपनी पोल्ट्री फार्म (Poultry Farm) विकसित कर रखी है इसके बाद भी मिल रहे चूजे के आर्डर को वह पूरा नहीं कर पा रहे ऐसे में उन्होंने कांट्रैक्ट फार्मिंग (Contract Farming) शुरू करते हुए कई किसानों को अपने साथ जोड़ रखा है। यह किसान उसे छोटे चूजे लेकर उन्हें बड़ा करते हैं और वापस विनोद को देते हैं।