बिलासपुर

CM भूपेश बघेल ने महिलाओं को अधिकार देकर स्वावलंबन और रोजगार से जोड़ने की रणनीति

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:14 AM GMT
CM भूपेश बघेल ने महिलाओं को अधिकार देकर स्वावलंबन और रोजगार से जोड़ने की रणनीति
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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपनी मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 8वीं कड़ी में महिलाओं को बराबरी के अवसर विषय पर प्रदेशवासियों के साथ विचार साझा किए। जिसे लोगों ने बड़ी उत्सुकता के साथ सुना। मुख्यमंत्री ने रेडियोवार्ता में कहा कि छत्तीसगढ़ में स्त्री-पुरूष अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और इसमें लगातार सुधार हो रहा है। आदिवासी अंचलों में तो महिलाओं की संख्या पुरूषों से भी अधिक है। जो देश और दुनिया के लिए एक उदाहरण है। छत्तीसगढ़ में महिला सम्मान को उनके अधिकारों और स्वावलंबन से जोड़ने की रणनीति अपनाई गई है।

उन्होंने महिलाओं को आर्थिक मोर्चे पर सशक्त बनाने के लिए स्वावलंबन और रोजगार के उपायों, महिलाओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाने, महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। लोकवाणी में मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस से उत्पन्न् वातावरण का जिक्र करते हुए कहा कि इन दिनों कोरोना वायरस की बहुत चर्चा है। आप डरें नहीं। बचाव के उपायों को समझें और अपनाएं। सरकार ने उपचार की पूरी तैयारी कर रखी है।

होली: बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार

मुख्यमंत्री ने कहा कि होली बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है। साथ ही रंगों में रंग मिलाने का अर्थात हर इंसान के बीच समन्वय, सद्भाव और सौहार्द्र का त्यौहार है। आप सबको होली की शुभकामनाएं। बघेल ने 20 मार्च को भक्त माता कर्मा जयंती तथा वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी का बलिदान दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि एक ओर त्याग, भक्ति और अध्यात्म का शिखर तो दूसरी ओर पराक्रम और सर्वोच्च बलिदान। मातृ-शक्ति के इन दोनों स्वरूपों को नमन। उन्होंने नवरात्र और चैट्रीचंड पर्व की भी शुभकामनाएं दी।

छत्तीसगढ़ी भाषा में की रेडियोवार्ता की शुरूआत

मुख्यमंत्री ने रेडियोवार्ता की शुरूआत छत्तीसगढ़ी भाषा में की। बघेल ने कहा कि 8 मार्च ल संयुक्त राष्ट्र संघ ह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस घोषित करे हे। बछर म एक दिन महिला दिवस मनाये के ये मतलब नो हे के हमन ल महिला मन के संसो सिरिफ एक दिन करे बर हे। ये दिन के मतलब हे जम्मो संसो ल सकेल के आत्मचिंतन करना अउ नवा रद्दा, नवा सुविधा बर विचार करना हे। ये अवसर नवा सोच-बिचार के घलो हे।

मुख्यमंत्री ने मातृ शक्ति को किया नमन

मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृ-शक्ति के बिना इस संसार की कल्पना नहीं की जा सकती। हमारे छत्तीसगढ़ में तो देवी को अपने हर स्वरूप में मां माना जाता है। दंतेवाड़ा में मां दन्तेश्वरी, डोंगरगढ़ में माँ बम्लेश्वरी, रतनपुर में माँ महामाया, चन्द्रपुर में माँ चन्द्रहासिनी के शक्तिपीठ और हर गांव-हर शहर में कोई न कोई लोक आस्था केन्द्र है। जिनके आशीर्वाद से हम तरक्की करते हैं। उन्होंने कहा कि रायगढ़ एवं बीजापुर जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं।

30 लाख से अधिक हितग्राहियों को मिल रहा पोषण योजनाओं का लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी का जीवन अपने परिवार की सारी आवश्यकताओं के लिए समर्पित रहता है। नारी को अन्नपूर्णा भी कहा जाता है, यदि माँ कुपोषित, एनीमिया की शिकार रहेगी तो उनके शिशु की सेहत कैसे अच्छी रहेगी और इस तरह तो पूरी पीढ़ी जन्मजात कमजोर हो जाएगी। इसलिए हमने कुपोषण को सबसे बड़ी हिंसा, नक्सलवादी और आतंकवादी हमले से ज्यादा नुकसानदायक माना है।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान 2 अक्टूबर 2019 अर्थात गांधी जयंती के दिन से प्रदेश के सभी जिलों में शुरू किया गया। इसके अन्तर्गत जन्म से 5 वर्ष तक के बच्चों को तथा 15 से 49 वर्ष तक की महिलाओं को खून की कमी और कुपोषण की समस्या से उबारने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में साढ़े पाँच लाख हितग्राहियों को अतिरिक्त पोषण आहार, गर्म भोजन दिया जा रहा है।

इसके अलावा पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, महतारी जतन योजना, पोषण आहार योजना का संचालन भी किया जा रहा है। इस तरह 30 लाख से अधिक हितग्राहियों को विभिन्न् पोषण योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इसमें गर्भवती भी हैं, शिशुवती भी हैं तथा अन्य आवश्यकताओं वाली बहनें भी हैं।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए लगाए 255 सीसीटीवी कैमरे

मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने इस संबंध में लोकवाणी में महासमुन्द जिले की उत्तरा विदानी द्वारा किए गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि महासमुन्द जिले में हर थाने में महिला डेस्क स्थापित है। इसके अलावा 1091 महिला हेल्प लाइन नम्बर भी है।

महिला हेल्प लाइन-181, सखी वन स्टॉप सेन्टर, महिला-पुलिस स्वयंसेविका योजना, महिला जागृति शिविर, स्व-आधार योजना, उज्ज्वला गृह योजना, कामकाजी महिला हॉस्टल योजना, महिला शक्ति केन्द्र योजना आदि सुरक्षा तथा सहयोग के लिए काम कर रहीं हैं। प्रदेश के 374 थानों में महिला डेस्क स्थापित की जा चुकी हैं तथा 8 जिलों में महिला विरूद्ध अपराध विवेचना इकाई भी संचालित की जा रही है।

4 हजार 255 सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं तथा स्थानीय स्तर पर संगठनों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे भी अपने स्तर पर कैमरे सार्वजनिक स्थानों पर लगाएं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी ही नहीं सर्वोच्च प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने माताओं-बहनों से अपील करते हुए कहा कि वे इस संबंध में स्वयं भी जागरूक हों और अन्य लोगों को इसके बारे में बताएं। पेंड्रा-गौरेला-मारवाही जिला की एक महिला पार्षद के सवाल पर नए जिले का नाम सुनते ही मुख्यमंत्री प्रसन्न् हुए और समस्या समाधान की दिशा में खास प्रयास की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि महिला समूह बड़ा उद्योग लगाना चाहते हैं तो उनके लिए हमारी सरकार ने बहुत सी सुविधाएं दी हैं। हर विभाग में उन्हें प्राथमिकता और सुगमता से काम करने की सुविधा है। बहुत से नियम शिथिल किए गए हैं। आपको हमारी नई उद्योग नीति के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। वहां आपको वह सब मिलेगा, जो आपके सपने साकार कर सकंे।

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