राहुल गांधी का मिशन विंध्य: आज रीवा और सतना में रोड शो और सभा

Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat

Update: 2021-02-16 06:01 GMT

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का एमपी मिशन जारी है. भोपाल के बाद अब विंध्य में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने के लिए वे सड़कों पर उतरेंगे. 27 और 28 सितंबर को सतना-रीवा में वे रोड शो करेंगे. विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी का विंध्य दौरा कई मायनों में अहम है.

17 सितंबर को भोपाल में रोड शो कर कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने वाले राहुल गांधी अब मिशन विंध्य पर निकल रहे हैं. राहुल गांधी ने विंध्य के रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली में कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए दो दिन सतना और रीवा में प्रचार का प्लान बनाया है.

विंध्य में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के रुतबे के कारण राहुल गांधी अब यहीं से प्रदेश की 30 विधानसभा सीटों को साधने की कोशिश में हैं और यही कारण है कि भोपाल के बाद राहुल गांधी ने सतना और रीवा को चुना है. सबसे बड़ी बात राहुल गांधी अपने सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चलते हुए विंध्य में पार्टी के पक्ष में प्रचार से पहले सतना के चित्रकूट में कामतानाथ के दर्शन करने के बाद रोड शो करेंगे.

राहुल गांधी का कार्यक्रम - 27 सितंबर - सुबह 11 बजे चित्रकूट आएंगे और कामतानाथ मंदिर में दर्शन करेंगे -दोपहर 12 बजे चित्रकूट में कॉर्नर मीटिंग के बाद सतना जाएंगे -सतना - 2.10 बजे आमसभा -3.15 बजे बस से रीवा रवाना होंगे -शाम 5 बजे रीवा शहर में रोड शो करेंगे -शाम 6.30 बजे सिरमोर सर्किल रीवा में आम सभा -28 सितम्बर - सुबह 11 बजे बस से रवाना होकर सैपुर मोड, बरोन, बैंकुंठपुर में लालगांव में कार्नर मीटिंग -शाम 4.45 बजे विधान सभा त्योंथर में सभा

विंध्य वही इलाका है, जहां कांग्रेस ने 2013 में शानदार प्रदर्शन किया था. विंध्य के सियासी गणित पर नजर डालें तो, जिलों की संख्या सतना, सीधी, रीवा, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया की तीस विधानसभा सीटें आती हैं. 2013 के चुनाव में यहां बीजेपी को 16, कांग्रेस को 12 और बसपा को 2 सीटें मिली थीं.

विंध्य इलाका हमेशा से क्षेत्रीय मु्द्दों और जातिगत समीकरणों से प्रभावित होता है. यूपी से लगा होने का कारण यहां बसपा का भी प्रभाव है. विंध्य में 10 सीटों के एलान कर बीएसपी ने कांग्रेस का गणित बिगाड़ दिया है. लेकिन अब राहुल गांधी ने इस इलाके पर फोकस बढ़ाकर कांग्रेस को मजबूत करने के अभियान की तैयारी कर ली है.

वहीं विंध्य में इस बार बीजेपी को भितरघाट का खतरा ज्यादा है. बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक अभय मिश्रा भाजपा के लिए आफत बने हुए हैं. विंध्य में कांग्रेस से घबराई बीजेपी खास रणनीति के तहत वोटरों को साधने के प्लान में है. लेकिन इस बार दोनों ही दल के लिए विंध्य का इलाका उसके लिए खास हो गया है और ये भी तय हो गया है कि इस बार विंध्य का जनमत तय करेगा कि सूबे की सियासत पर कौन आसीन होगा.

Similar News