एमपी के उमरिया में सर्पदंश के बाद झाड़फूंक करने पर होगी कार्रवाई, प्रशासन ने लिया निर्णय

MP Umaria News: आकड़ों के अनुसार सर्पदंश से पीड़ित मरीज के मौत की असल वजह उसका समय पर अस्पताल न पहुंच पाना होता है।

Update: 2022-07-30 11:04 GMT

MP Umaria News: बारिश का मौसम शुरू होते ही जिले में सर्पदंश की घटनाओं में काफी तेजी के साथ इजाफा देखने को मिला है। सर्पदंश के कारण उनसे होने वाली मौतों में काफी तेजी देखने को मिली है। इसी कड़ी में जिला प्रशासन ने सर्पदंश के कारण होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए झाड़फूंक पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रशासन ने कहा है कि अगर ऐसा पता चलता है कि सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़फूंक में समय नष्ट किया तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का यह निर्णय क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

प्रशासनिक सूत्रों की माने तो जिले में सर्पदंश के कारण बहुत सी जानें जा रही है। सर्पदंश से पीड़ित मरीज के मौत की असल वजह उसका समय पर अस्पताल न पहुंच पाना होता है। समय पर अस्पताल न पहुंचने की वजह पीड़ित का झाड़फूंक में समय नष्ट कराना होता है। जब तक परिजन मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचते हैं, तब तक उसकी मौत हो चुकी होती है।

सीएमएचओ को दिया निर्देश

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव (Collector Sanjeev Srivastava) द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वह जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में एण्टी स्नैक एवं एण्टी रैबीज इंजेक्शन अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए। जिससे सर्पदंश से पीड़ित मरीज जब अस्पताल पहुंचे तो उसे इंजेक्शन न होने की समस्या का सामना करना पडे़। इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा भी आम जन से कहा गया है कि वह झाड़फूंक के चक्कर में न पड़ कर पीड़ित मरीज को सबसे पहले अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करें।

आज भी करते हैं विश्वास

देश के अधिकतर ग्रामीण अंचलों में आज भी सर्पदंश के मामलों में सबसे पहले झाड़फूंक को ही प्राथमिकता दी जाती है। समय के साथ इस विश्वास में कमी तो आई है, लेकिन यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। यही कारण है कि कई बार झाड़-फूंक के कारण समय पर मरीजों को इलाज न मिल पाने के कारण पीड़ित की मौत हो जाती है।

वर्जन

झाड़फूंक के कारण मरीज को समय पर चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल पाती। जिसके कारण उसकी मौत हो जाती है। प्रशासन द्वारा झाड़फूंक करने वालों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। उम्मीद है कि इससे सर्पदंश से होने वाली मौत की घटनाओं में कमी आएगी।

केके मेहरा, सीएमएचओ उमरिया

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