टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका, आज रात 11.59 बजे तक जमा कराने होंगे इतने करोड़

Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat

Update: 2021-02-16 06:12 GMT

नई दिल्ली: डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन (DoT) ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को बड़ा झटका दिया है. डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन (DoT) ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह बकाया राशि का भुगतान शुक्रवार तक कर दें. आदेश के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियों को कहा गया है कि वह बकाया राशि का भुगतान शुक्रवार रात 11.59 बजे तक करें.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने AGR मामले में टेलीकॉम कंपनियों को भुगतान की देरी पर सरकार और कंपनियों को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया, रिलायंस कम्युनिकेशन, टाटा टेलीसर्विसेज और अन्य टेलीकॉम कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी कर 17 मार्च को कोर्ट में तलब किया था.

कोर्ट ने कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को कोर्ट में पेश होकर ये बताने को कहा था कि उनकी कंपनियों ने अब तक रुपये क्यों नहीं जमा कराए? दरअसल इस मामले में कोर्ट इन कंपनियों की पुनर्विचार याचिका पहले ही खारिज कर चुका है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को 92 हजार करोड़ रुपये के एडजस्‍टड ग्रोस रिवेन्‍यू (AGR) के सरकार को भुगतान के आदेश दिए थे.

इसके साथ ही जस्टिस मिश्रा ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि टेलीकॉम विभाग (DoT) ने ये नोटिफिकेशन कैसे जारी किया कि अभी भुगतान न करने पर कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश के बावजूद ये रकम जमा नहीं हुई, हम अचंभित हैं कि एक पैसा भी जमा नहीं कराया गया.

जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा था, "देश में क्या हो रहा है, ये बिल्कुल बकवास है, हमें जो कहना था हम कह चुके है." जस्टिस मिश्रा ने कहा कि ये याचिकाएं दाखिल नहीं करनी चाहिए थीं, ये सब बकवास है, क्या सरकारी डेस्क अफसर सुप्रीम कोर्ट से बढ़कर है जिसने हमारे आदेश पर रोक लगा दी.

कोर्ट ने टेलीकॉम अधिकारी को आज का वक्‍त देते हुए कहा था कि AGR के मुद्दे पर कंपनियों को भुगतान से रियायत देने वाले अपने फैसले को या तो वह वापस ले लें या जेल जाने को तैयार रहें. जस्टिस अरुण मिश्रा ने सरकार से कहा था, 'क्या देश में कोई कानून नहीं बचा है. मैं इस देश में इस तरह काम नहीं करना चाहता. मैं जिम्मेदारी से ये कह रहा हूं. क्या सुप्रीम कोर्ट की कोई वैल्यू नहीं है. ये मनी पावर का परिणाम है. ये इस देश में क्या हो रहा है? इन कंपनियों ने एक पैसे नहीं दिए और आपका अधिकारी सुप्रीम कोर्ट का आदेश स्टे कर देता है.'

उल्‍लेखनीय है कि टेलीकॉम कंपनियों पर कुल मिलाकर 92 हजार करोड़ रुपये का बकाया है. इसको चुकाने की अंतिम तारीख 17 मार्च है. AGR यानी एडजस्‍टड ग्रोस रिवेन्‍यू संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से ली जाने वाली यूजेज और लाइसेंसिग फीस है.

Similar News