भारत का e-Passport: आधुनिक पहचान, सुरक्षित यात्रा का नया दौर; जानिए खासियत...

भारत जल्द ही ई-पासपोर्ट जारी करेगा, जो सुरक्षा और सुविधा में कई गुना बेहतर होगा। चिप आधारित यह पासपोर्ट आपकी यात्रा को और सुरक्षित बनाएगा।;

Update: 2025-06-30 18:54 GMT

भारत सरकार जल्द ही ई-पासपोर्ट की शुरुआत करने जा रही है, जो मौजूदा पासपोर्ट की तुलना में कहीं ज़्यादा सुरक्षित और आधुनिक होगा। यह एक बायोमेट्रिक पासपोर्ट है जिसमें एक छोटी इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी। यह चिप आपके पासपोर्ट से जुड़ी सभी जानकारी जैसे आपका नाम, पता, जन्मतिथि, और बायोमेट्रिक डेटा (जैसे फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान) सुरक्षित रखेगी। जब आप किसी एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन काउंटर पर जाएंगे, तो विशेष रीडर इस चिप को स्कैन करके आपकी पहचान को तेज़ी से सत्यापित कर पाएंगे, जिससे इमिग्रेशन प्रक्रिया में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा।

ई-पासपोर्ट क्यों है ज़रूरी? सुरक्षा और सुविधा के फायदे

ई-पासपोर्ट सुरक्षा के लिहाज़ से एक बड़ा कदम है। इसमें लगी चिप डेटा एन्क्रिप्शन तकनीकों का इस्तेमाल करती है, जिससे आपके डेटा को छेड़छाड़ या चोरी करना लगभग नामुमकिन हो जाता है। यह जाली पासपोर्ट बनाने की कोशिशों को भी रोकने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह यात्रियों के लिए बहुत ज़्यादा सुविधाजनक होगा:

  • तेज़ इमिग्रेशन: चिप को स्कैन करने से इमिग्रेशन की प्रक्रिया कुछ ही सेकंड में पूरी हो जाएगी।
  • ग्लोबल स्वीकार्यता: दुनिया के कई देशों में पहले से ही ई-पासपोर्ट का चलन है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय यात्रा और आसान हो जाएगी।
  • सुरक्षित डेटा: आपकी व्यक्तिगत जानकारी एन्क्रिप्टेड रूप में सुरक्षित रहेगी।
  • धोखाधड़ी पर लगाम: जाली पासपोर्ट बनाने वालों के लिए यह ज़्यादा मुश्किल होगा।

ई-पासपोर्ट कब से मिलेगा और कैसे बनवाएं?

विदेश मंत्रालय ने पहले ही घोषणा कर दी है कि ई-पासपोर्ट को प्राथमिकता दी जा रही है और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। उम्मीद है कि शुरुआती दौर में इसे नए आवेदकों और उन लोगों को जारी किया जाएगा जिनके पासपोर्ट की अवधि समाप्त हो रही है। ई-पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया मौजूदा पासपोर्ट जैसी ही रहेगी। आपको पासपोर्ट सेवा केंद्र पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। अंतर सिर्फ इतना होगा कि आपको एक चिप आधारित पासपोर्ट मिलेगा।

तकनीकी पहलू और भविष्य की योजनाएं

ई-पासपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) के मानकों के अनुसार बनाया जा रहा है। इसका मतलब है कि यह दुनिया भर के इमिग्रेशन सिस्टम के साथ संगत होगा। भारत में ई-पासपोर्ट का निर्माण नासिक स्थित इंडिया सिक्योरिटी प्रेस (ISP) में किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट "मेक इन इंडिया" पहल के तहत किया जा रहा है, जिससे देश में ही अत्याधुनिक तकनीक का विकास होगा। सरकार की योजना है कि भविष्य में सभी नए पासपोर्ट ई-पासपोर्ट ही हों, जिससे भारतीय नागरिकों की अंतर्राष्ट्रीय यात्रा और भी सुगम और सुरक्षित हो सके।

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