जानिए उन खिलाड़ियों के बारे में जो Indian National Cricket Team में तो आएं लेकिन बिना डेब्यू किए चलते बनें...

Indian National Cricket Team के लिए खेल पाना हर क्रिकेटर के लिए सपना होता है. हर क्रिकेटर Ishwar Pandey Dheeraj Jadhav Ranadeb Bose

Update: 2021-02-16 06:48 GMT

Know about the players who come to the Indian National Cricket Team but cannot make the debut

Indian National Cricket Team के लिए खेल पाना हर क्रिकेटर के लिए सपना होता है. हर क्रिकेटर Indian National Cricket Team में पहुँचने के लिए काफी मेहनत करता है. लेकिन कुछ ही हैं जो वहां तक पहुँच पाने में सफल हो पाते हैं. आज हम आपको उन तीन क्रिकेटर के बारे में बताने जा रहें हैं, जो Team India का हिस्सा तो बनें लेकिन बिना डेब्यू किए चलते बनें... यानी हाँथ आया पर मुंह नहीं लगा. इन तीन क्रिकेटरों के नाम हैं ईश्वर पांडेय (Ishwar Pandey), धीरज जाधव (Dheeraj Jadhav) एवं राणादेब बोस (Ranadeb Bose).

टीम में 11 खिलाड़ी खेलते हैं, 4 खिलाड़ी बेंच पर बैठते हैं और 20-25 खिलाड़ी संभावितों में होते हैं. शेष खिलाड़ी इस आस में लगातार मेहनत करते रहते हैं कि उनका नंबर भी आएगा. Team India के शीर्ष 15 में पहुंचना भी बड़ी उपलब्धि है और अधिकांश मामलों में खिलाड़‍ियों को इंटरनेशनल डेब्‍यू करने को मिल ही जाता है.

हालांकि, कुछ ऐसे दुर्भाग्‍यशाली क्रिकेटर भी हैं, जो स्‍क्‍वाड का हिस्‍सा तो रहे, लेकिन डेब्‍यू नहीं कर पाए. इन खिलाड़‍ियों के पास मौका जरूर आया, लेकिन डेब्‍यू हाथ नहीं लगा.

आइये जानते हैं Indian National Cricket Team के तीनों दुर्भाग्यशाली क्रिकेटरों के बारे में

तेज गेंदबाज ईश्वर पांडेय (Ishwar Pandey)

अगर आप क्रिकेट प्रेमी हैं तो ईश्वर पांडेय (Ishwar Pandey) का नाम आपने सुना ही होगा. ईश्वर मध्यप्रदेश के रीवा जिले (Rewa District of Madhya Pradesh) के निवासी हैं. उनमें वे सारी खूबियां हैं, जो एक तेज गेंदबाज पर होनी चाहिए. लम्बे कद के ईश्वर गेंद को 130 KM/h की रफ़्तार में बाखूबी स्विंग कराना जानते हैं. ऊंचा कद होने की वजह से उन्हें पिच में उछाल भी अच्छी मिलती है.

2012-13 रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में ईश्वर पांडे ने 8 मैचों में 48 विकेट झटके थे और वह सबसे ज्‍यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे. 2014 में न्‍यूजीलैंड दौरे के लिए ईश्‍वर पांडे को चुना गया. वह वनडे और टेस्‍ट स्‍क्‍वाड का हिस्‍सा थे.

हालांकि, पूरे दौरे पर मध्‍यप्रदेश के गेंदबाज को एक भी मौका नहीं मिला और इसके बाद वह दावेदारी से बाहर हो गए. पांडे ने फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में 72 मैचों में 252 विकेट चटकाए. पिछले तीन सीजन से वह IPL (Indian Premier League) का हिस्‍सा नहीं हैं. 31 साल की उम्र में अब पांडे को कुछ विशेष ही करना पड़ेगा ताकि घरेलू क्रिकेट में उन पर दोबारा नजर पड़े.

बल्लेबाज धीरज जाधव (Dheeraj Jadhav)

महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव निवासी धीरज जाधव (Dheeraj Jadhav) खुद को दुर्भाग्‍यशाली मान सकते हैं क्‍योंकि उनके समय में प्रमुख प्रतिस्‍पर्धी दिग्‍गज सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्‍मण और वीरेंद्र सहवाग थे.

महाराष्‍ट्र के बल्‍लेबाज ने 2003/04 रणजी ट्रॉफी में 12 पारियों में 1066 रन बनाकर राष्‍ट्रीय टीम के लिए दस्‍तक दी थी. ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ 2004 में धीरज जाधव को चौथे टेस्‍ट के लिए राष्‍ट्रीय टीम का बुलावा भी आ गया.

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हालांकि, प्‍लेइंग इलेवन में गौतम गंभीर को डेब्‍यू का मौका मिला. जाधव को इसके बाद राष्‍ट्रीय टीम से बुलावा नहीं आया जबकि वह घरेलू क्रिकेट में निरंतर बेहतर प्रदर्शन करते रहे. पूर्व ओपनर ने 174 फर्स्‍ट क्‍लास पारियों में 50.85 की औसत से 7679 रन बनाए. वहीं लिस्‍ट ए करियर में 52 पारियों में 43.22 की औसत से उन्‍होंने 2075 रन बनाए. दुर्भाग्‍यवश धीरज जाधव पर राष्‍ट्रीय टीम का टैग नहीं लग पाया.

तेज गेंदबाज राणादेब बोस (Ranadeb Bose)

राणादेब बोस (Ranadeb Bose) घरेलू क्रिकेट में अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्‍ठ तेज गेंदबाजों में से एक थे, लेकिन उन्‍हें कभी अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिला.

बंगाल के इस तेज गेंदबाज ने 2006-07 रणजी ट्रॉफी में केवल 8 मैचों में 57 विकेट झटके और चयनकर्ताओं का ध्‍यान आकर्षित किया. 2007 इंग्‍लैंड दौरे के लिए राणादेब बोस का चयन भारतीय टीम में हो गया. मगर जहीर खान, आरपी सिंह और एस श्रीसंत के कारण राणादेब बोस को मैच खेलने का मौका नहीं मिल सका. राणादेब बोस ने 91 फर्स्‍ट क्‍लास गेम्‍स में 317 विकेट चटकाए.

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