Spring Season in Hindi : प्रकृति का यौवन काल है बसंत ऋतु...

Spring Season in Hindi : प्रकृति का यौवन काल है बसंत ऋतु.... Spring Season in Hindi / पौराणिक मान्यताओं के आधार पर 6 ऋतुओं में बसंत ऋतु प्

Update: 2021-02-16 06:48 GMT

Spring Season in Hindi : प्रकृति का यौवन काल है बसंत ऋतु….

Spring Season in Hindi / पौराणिक मान्यताओं के आधार पर 6 ऋतुओं में बसंत ऋतु प्रकृति की सबसे सुंदर ऋतु है। बसंत वह ऋतु है जब प्रकृति पूर्णरूपेण सम्पन्न होती। चारों ओर हरियाली, खेतों में बोई फासलों में फूल आ जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि बसंत ऋतु में प्रकृति अपने पूरे यौवन पर रहती है। ऐसे में प्रकृति का सौंदर्य सहज ही मन को आकर्षित करता है। खेतों में किसान का समय कब बीत जाता है यह पता ही नहीं चलता है। बसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण-कण खिल उठता है। चारो ओर हरियाली, पूरे भूमंडल में चारों ओर एक सुंदर और सुगंधित वातावरण तैयार हो जाता है।

एक ओर जहां आम के बौर की खुशबू वातावरण में मंद-मंद खुशबू घोलती है तो वही खेतों में सरसों के फूल सहज ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इसीलिए इस इस महीने को ‘ऋतुराज’ नाम से, तो कहीं ‘मधुमास’ से भी संबोधित किया जाता रहा है।

खिल उठती है प्रकृति, छा जाता है बसंत

Spring Season in Hindi

वसंत ऋतु प्रकृति के यौवन काल का समय होता है। वसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण-कण खिल उठता है। मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं। हिन्दी माह के अनुसार चैत और वैशाख के महीने का समय वसंत ऋतु में आता है। चैत के महीने में खेत हरियाली और फूलो से भरे होते हैं। एक नवजवान युवती भांति। इस ऋतु की संुंदरता को एक अंधा व्यक्ति भी महशूस कर सकता है। क्योंकि मौसम में आये परिवर्तन होता है तेज ठंड की विदाई के से वातावरण में हल्की-हल्की गर्मी आ जाती है। जो तन और मन दोनेा को सुख देता। ऐसे में मन प्रफुल्लित होता है। वही आम के बौर की खुशबू चारों ओर विखर जाती है। इसीलिए इसे यौवन काल कहा जाता है।

ऋतुओं का राज है वसंत

दो-दो महीने की छः ऋतुएं होती हैं । जिसमें वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर ऋतु है। लेकिन वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना गया है। इसी समय कोयल की मधुर आवाज सुनने को मिलती है। कहा जाता है कि प्रकृति इस ऋतु में चहुओर से सम्पन्न होती है। खेतों में बोई नई फसल तैयार हो जाती है। किसान अपनी फसल को देखलकर प्रसन्न होता है। वहीं जगत का हर जीव इस वसंत ऋतु में खुशहाल होता हैं। पहले के समय में जब किसानी मुख्य आय का स्रोत थी उस समय के हिसाब से बसंत को महत्वपूर्ण माना गया था। सभी ऋतुओं में बसंत ऋतु है जब न ज्यादा गर्मी, न बारिश, न ज्यादा ठंड रहता है।

वसंत पंचमी पर होती है मां सरस्वती की पूजा

इसी वसंत ऋतु में ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा वसंत पंचमी के दिन की जाती है। बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि माता सरस्वती की पूजा करने पर छात्रों को विशेष कृपा प्राप्त होती है। वसंत ऋतु के माघ मास के पांचवें दिन भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा होती है। कहा जाता है कि वसंत पंचमी से कोई भी शुभ कार्य शुरू किया जा सकता है। गृह प्रवेश के साथ ही नया व्यवसाय को आरम्भ करने के लिए शुभ मुहूर्त को तलाश रहा हो तो वह वसंत पंचमी से कर सकता है।

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