भगवान शिव का डमरू प्रकृति का पहला वाद्य यंत्र, छिपा है इसमें वैज्ञानिक राज

Symbolism behind the Damaru: भगवान शिव के डमरू ने प्रकृति के निर्माण में किया था योगदान।

Update: 2022-08-05 08:43 GMT

Lord Shiva Damaru Facts: भगवान शिव (Lord Shiv) का नाम आते ही त्रिशूल और डमरू (Damaru) की भी लोग चर्चा करने से नही भूलते है। उनके त्रिशूल में डमरू बंधा हुआ नजर आता है। शास्त्रों में भी शिव डमरू (Shiv Damaru) का उल्लेख है। यही वजह है कि हर कोई डमरू को लेकर बात करता है। 


डमरू का संगीत से है रिश्ता

डमरु एक वाद्य यंत्र (Musical Instrument) है और इसका रिश्ता संगीत से है लेकिन यह भी हम जानते हैं कि भगवान शिव (Bhagwan Shiv) के दर्शन में प्रदर्शित प्रत्येक वस्तु का विज्ञान से भी कोई न कोई कनेक्शन है। धार्मिक कथाओं के अनुसार प्रकृति की रचना के समय भगवान शिव ने डमरू के माध्यम से योगदान दिया था।

यह पहला वाद्य यंत्र

World's first musical instrument: बताते है कि यह प्रकृति का सबसे पहला वाद्य यंत्र है, विज्ञान भी इससे मिलते-जुलते तथ्यों को प्रमाणित करता है। भगवान शिव ब्रह्मांड के स्वामी है। ब्रह्मांड, जिसमें अपने सौरमंडल के अलावा करोड़ों और इससे भी करोड़ों सौरमंडल शामिल हैं।

खोज में मिला डमरू का आकार

Crab Nebula: अंतरिक्ष की खोज करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी एजेंसी नासा (NASA) ने एक नई आकृति की खोज की। नासा ने इसे क्रैब नेबुला (Crab Nebula) नाम दिया। यह आकृति भगवान शिव के डमरू की तरह थी। भारतीय वैज्ञानिकों ने इसे शिव का डमरू नाम दिया है। 

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