Sawan Somvar 2025: रुद्राभिषेक विधि और महत्व जानें, बदल सकता है भाग्य

Sawan Somvar 2025: जानिए सावन सोमवार में रुद्राभिषेक कैसे करें, कौन सी सामग्री चाहिए और इसका धार्मिक व ज्योतिषीय महत्व क्या है।;

Update: 2025-07-13 10:30 GMT

 Sawan Somvar 2025: रुद्राभिषेक से पाएं शिव की कृपा

 सावन मास का महत्व

श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित होता है। यह महीना आत्मशुद्धि, साधना और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से पवित्र माना गया है।

रुद्राभिषेक क्या है?

रुद्राभिषेक शिवलिंग का विशेष स्नान है जिसमें पंचामृत, जल, फूल, बेलपत्र, धतूरा आदि से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है।

 सावन 2025 में रुद्राभिषेक के श्रेष्ठ दिन

-14 जुलाई 2025 – पहला सोमवार

-21 जुलाई 2025 – दूसरा सोमवार

-28 जुलाई 2025 – तीसरा सोमवार

-4 अगस्त 2025 – चौथा सोमवार

 रुद्राभिषेक का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

  1. “श्रावण मासे विशेषेण यः कुर्याद्रुद्रपूजनम्...”
  2. इसका अभिप्राय है – सावन में रुद्राभिषेक करने से समस्त पाप नष्ट होते हैं और शिवलोक की प्राप्ति होती है।
  3. चंद्र, राहु, केतु, शनि दोष निवारण
  4. कालसर्प योग का प्रभाव कम
  5. मानसिक शांति, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्र

  1. ॐ नमः शिवाय।द्राभिषेक की विधि (Step-by-Step Puja Vidhi)

प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें

-पूजा स्थल की शुद्धि करें

-शिवलिंग उत्तर दिशा की ओर रखें

-कलश स्थापना करें

-गंगाजल से शिवलिंग स्नान, फिर पंचामृत अभिषेक

-बेलपत्र, धतूरा, फल-फूल चढ़ाएं

-“ॐ नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें

-आरती करें और मनोकामना व्यक्त करें

पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्रियां

-गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी (पंचामृत)

-बेलपत्र, शमी पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल

-चंदन, इत्र, पान, सुपारी, अक्षत

-धूप, दीप, कपूर, काला तिल

रुद्राभिषेक के लाभ और वैज्ञानिक पहलू

  1. मन की शुद्धता और भावनात्मक संतुलन
  2. आयुर्वेदिक रूप से तनाव में कमी
  3. सकारात्मक ऊर्जा का संचार
  4. जीवन की बाधाओं में कमी

 सावधानियां और निषेध

-अशुद्ध अवस्था में पूजा न करें

-तुलसी पत्र शिव पर न चढ़ाएं

-पूजा में लोभ, द्वेष और क्रोध से दूर रहें

 FAQs 

Q1. रुद्राभिषेक कौन-कौन कर सकता है?

 कोई भी श्रद्धालु इसे कर सकता है, चाहे स्त्री हो या पुरुष।

Q2. रुद्राभिषेक के लिए सबसे उत्तम समय क्या है?

 ब्रह्ममुहूर्त या प्रातः 4 से 6 बजे का समय श्रेष्ठ माना गया है।

Q3. क्या रुद्राभिषेक घर पर कर सकते हैं?

 हां, शिवलिंग की स्थापना कर घर पर भी रुद्राभिषेक किया जा सकता है।

Q4. सावन सोमवार में कौन-से मंत्र जाप करें?

 ॐ नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र श्रेष्ठ माने जाते हैं।

Q5. क्या एक ही सामग्री से हर सोमवार रुद्राभिषेक किया जा सकता है?

हां, वही सामग्री हर सोमवार उपयोग में लाई जा सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

सावन मास आत्मशुद्धि और शिवभक्ति का सबसे पवित्र समय है। इस अवधि में रुद्राभिषेक करने से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि जीवन के कष्टों का भी समाधान मिलता है। सच्चे मन से की गई शिव आराधना से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग खुलता है।

ॐ नमः शिवाय।

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