Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष में आई कौवा की याद, घट गई आबादी, छत पर सूख रहा पंच ग्रास

पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के समय कौवा को ग्रास दिया जाता है। माना जाता है के पितृ पक्ष के समय हमारे पितृ किसी न किसी...

Update: 2021-09-28 08:45 GMT

Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष में आई कौवा की याद, घट गई आबादी, छत पर सूख रहा पंच ग्रास

Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष के समय कौवा को ग्रास दिया जाता है। माना जाता है के पितृ पक्ष (Pitru Paksha Or Shraddh Paksha) के समय हमारे पितृ किसी न किसी रूप में आकर हमारे द्वारा दिया हुआ ग्रास को ग्रहण करते हैं। लेकिन आज हालात कुछ ऐसे हैं कि शहरों में कौवे ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। हालत यह है कि पितरों के निमित्त छत पर रखा हुआ ग्रास सूख रहा है। ऐसा लगता है मानो कौवे देश छोड़कर कहीं चले गए हैं।

कौवा को कागभुशुंड का स्वरूप माना गया है। यह ब्रह्मा जी के पुत्र हैं। पितृ पक्ष के समय गाय की तरह कौवा को प्रमुख रूप से ग्रास दिया जाता है। लेकिन आज कौवो की कमी से दिया गया ग्रास पितरो तक नहीं पहुंच पा रहा है।

प्रदूषण और शोर बना कारण

कौवो की संख्या में हो रही कमी का मुख्य कारण प्रदूषण है। शहरों में बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण तथा रेडिएशन की वजह से कौवा ने शहरों से मुंह मोड़ लिया है। वही बचे कुचे कौवे असमय ही काल का ग्रास बन रहे हैं।

भगवान राम देते थे कौवे को महत्त्व

भगवान राम के समय भी कौवे का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान की माया से मोहित होकर कौवा भगवान राम के पास उनके जाया करता था। एक बार की कथा है की भगवान अयोध्या में अवतरित हो चुके थे। कौवा उनके महल में जाकर भगवान के साथ खेला करता था। भगवान के हाथ से गिरे हुए रोटी के टुकड़ों को खाता। एक बार कौवे ने भगवान के हाथ से रोटी छीन ली। भगवान बालस्वरूप में थे वह रोने लगे।

कौवे को हुआ भ्रम

बताया जाता है कि इस दौरान कौवे को भ्रम हो गया। उसे लगा कि क्या यही परम ईश्वर है जो रोटी के एक छोटे से टुकड़े के लिए इस तरह रो रहे हैं। जिस पर वह भगवान को छोड़कर भागने लगा। लेकिन कुछ दूर जाने के बाद वह पीछे मुड़कर जब देखा चकित रह गया। उसके पीछे भगवान का बाल स्वरूप जा रहा था। कहा जाता है भगवान श्रीराम को कौवे से बड़ा लगाव रहा है।

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