घर के इस दिशा में होता है पितरो का वास, भूलकर भी उन स्थानों पर नहीं करना चाहिए यह कार्य

हिंदू धर्म में पितरों (Pitru) को देवता माना गया है. हमारे पितर भले ही पितृपक्ष के बाद चले जाते हैं लेकिन उसके बाद भी उनका प्रभाव हमारे घर में निवास करता है.

Update: 2023-09-27 18:01 GMT

Pitru Paksh 2023: इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू हो रहा है। हिंदू धर्म में पितरों को देवता माना गया है। हमारे पितर भले ही पितृपक्ष के बाद चले जाते हैं लेकिन बताया गया है कि उसके बाद भी उनका प्रभाव हमारे घर में निवास करता है। किस जगह उनका निवास रहता है यह जानना बहुत जरूरी है। क्योंकि उनके निवास में हम कई बार कुछ गलत कार्य कर जाते हैं जिससे हमारे पित्र नाराज होते हैं। कई बार लोगों को लगता है कि हमने तो पितृपक्ष में अपने पितरों को अच्छे से श्राद्ध किया है। उसके बाद ही नाराज क्यों है। आइए इससे जुड़ी हुई हर बात जाने।

कहां होता है पितरों का निवास

धर्म शास्त्रों में बताए अनुसार पितरों का निवास घर के दक्षिणी भाग पर होता है। या यूं कहें कि पितरो का निवास दक्षिण दिशा में होता है। ऐसे में आवश्यक है कि हम घर के दक्षिण दिशा में ऐसा कोई कार्य न करें जिससे हमारे दिन तक नाराज हो जाएं क्योंकि पितरों की इच्छा के विरुद्ध कार्य करने पर पित्र दोष उत्पन्न होता है। पितृदोष की वजह से घर में कई सारे अनिष्ट कार्य होने शुरू हो जाते हैं।

पितरों को प्रसन्न करने करें यह कार्य

बताया गया है कि पितरों को प्रसन्न करने के लिए दक्षिण दिशा यानी यम की दिशा मे अपने पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। तस्वीर हमेशा उत्तर दिशा की तरफ लगाने से पित्र प्रसन्न होते हैं। तस्वीर ऐसे लगाएं की पिक्चर का मुंह दक्षिण दिशा में होना चाहिए।

बताया गया है कि बेडरूम या फिर ड्राइंग रूम में पितरों की फोटो नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने पर पितर नाराज होते हैं और घर के लोगों के स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अक्सर लोगों का स्वास्थ्य खराब रहता है। कई तरह की बीमारियां लोगों को ग्रसित कर रखती हैं।

शास्त्रों में बताया गया है कि घर में पितरों की फोटो एक से अधिक नहीं लगानी चाहिए। एक से अधिक फोटो लगे होने पर घर में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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