Pitru Paksha 2021: श्राद्ध पक्ष आज से शुरू, जाने क्या होता है पितृ दोष, पितरों को खुश करने के क्या उपाय हैं...

अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष (Pitru Dosh) है तो उसका समाधान पाने और पितरों को खुश करने का सबसे अच्छा समय पितृ पक्ष (Pitru Paksh) होता है, जिसे श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha) भी कहा जाता है.

Update: 2021-09-20 06:15 GMT

Pitra Paksh 2021: क्या होता है पितृ दोष? पितरों को कैसे खुश करें?

Pitru Paksh 2021: आज से पितृ पक्ष शुरू हो रहा है. पितृ पक्ष (Pitru Paksha) को श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksh) भी कहा जाता है. कुंडली में मौजूद पितृ दोष (Pitra Dosh) से मुक्ति पाने और पितरों (Ancestors) को खुश कर उनके आशीर्वाद पाने के लिए पितृ पक्ष सबसे अच्छा समय माना जाता है. आज से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है, जो 6 अक्टूबर तक रहेगी. 

क्या होता है पितृ दोष (What is Pitru Dosh)

जिन लोगों के कुंडली (Kundli) में पितृ दोष (Pitru Dosh) होता है उन्हें संतान की प्राप्ति आसानी से नहीं हो पाती. साथ ही अगर संतान बुरी और गलत संगत में पद सकती है. पितृ दोष से प्रभावित लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे समझिये क्या होता है पितृ दोष

  • नौकरी में परेशानी आना,
  • कोई काम आसानी से न हो पाना,
  • बार बार बाधा आना,
  • घर में लड़ाई-झगड़ा होते रहना,
  • सुख समृद्धि नहीं आती,
  • गरीबी और तंगी से परेशान होना,
  • बेटी-बेटे की शादी में बाधा आना,
  • कर्जदार बनते जाना और
  • अक्सर बीमार रहना जैसे कई कारक पितृ दोष की वजह से ही होते हैं. 

कैसे दूर करें पितृ दोष, पितरों को कैसे खुश करें? 

पितृ दोष दूर करने और पितरों को खुश कर उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के उपाय भी आसान है. उसके लिए सबसे अच्छा समय होता है पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष (Pitru Paksh or Shradh Paksh). पितृ दोष को दूर करने के लिए इन कामों को श्रद्धापूर्वक करना होगा.

  • श्राद्ध (पितृ पक्ष) के पहले दिन भाद्रपद पूर्णिमा (Bhadrapad Purnima) का व्रत करें. 
  • घर एवं व्यापार स्थलों पर अपने स्वर्गीय पितरों की स्वच्छ एवं साफ़ सुथरी तस्वीर लगाएं. 
  • तस्वीर को दक्षिण पश्चिम दीवार या कोने पर लगाएं. 
  • दिन शुरू होने के बाद स्नान कर रोजाना उनका श्रद्धापूर्वक ध्यान करते हुए प्रणाम करें. 
  • हर दिन माला चढ़ाकर, अगरबत्ती दिखाकर उनका आशीर्वाद लें. 
  • उनके नाम पर जरुरतमंदों को खाना खिलाएं, पंडितों को कुछ दान करें. 
  • पितरों के नाम पर धार्मिक स्थलों में धन या सामग्री दान करें. 
  • बड़े बुजुर्गों की सेवा कर करने से भी पितरों का आशीर्वाद मिलता है. 
  • अमावश्या पर तर्पण, पिंड दान कर ब्राह्मणों को भोजन कराएं. 
  • गाय, कुत्ते, चीटियों, कौवे आदि पशु-पक्षियों को खाना-दाना जरूर खिलाएं. 
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