घोड़े में सवार होकर आएँगी माता, 13 अप्रैल से शुरू होगी चैत्र नवरात्री, इस बार ये होगा खास

माता की आराधना और उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल से शुरू होने वाली है। यह पर्व 22 अप्रैल तक चलेगा। सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। कुल चार तरह के नवरात्र मनाए जाते हैं, जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्र मुय माने जाते हैं। वहीं माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र मनाई जाती है।

Update: 2021-03-20 22:14 GMT

माता की आराधना और उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल से शुरू होने वाली है। यह पर्व 22 अप्रैल तक चलेगा। सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। कुल चार तरह के नवरात्र मनाए जाते हैं, जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्र मुख्य माने जाते हैं। वहीं माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र मनाई जाती है।

इसी दिन से हिंदुओं का नया साल यानी नवसंवत्सर 2078 शुरू होगा। इस नवसंवत्सर के राजा और मंत्री दोनों ही मंगल रहेंगे। नवरात्र पर मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। वहीं नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना भी की जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्रि का आरंभ मंगलवार के दिन से होगा। जिसकी वजह से मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी। इसके पहले शारदीय नवरात्र पर भी मां घोड़े पर सवार होकर आई थीं।

देवी मां जब भी घोड़े पर आती है तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में इस चैत्र नवरात्र में मां शैलपुत्री, ब्रहचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायानी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाएगी। पहले दिन घटस्थापना का विशेष महत्व होता है।

प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना के साथ ही नौ दिनों तक चलने वाला नवरात्र का पर्व आरंभ हो जाता है। पहले दिन में विधिविधान से घटस्थापना करते हुए मां शैलपुत्री स्वरूप की पूजा व आरती की जाती है।

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