Mahashivratri 2021 : महाशिवरात्रि के दिन गलती से भी न अर्पित करें भगवान शिव को यह पांच चीजें, रूठ सकते है महादेव

Mahashivratri 2021 : भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय दिन महाशिवरात्रि अब करीब आ गया हैं। इस साल 11 मार्च को महाशिवरात्रि हैं। इस दिन भक्त भोलेबाबा को प्रसन्न करने के लिए सुबह-सुबह स्नान आदि करके उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं।

Update: 2021-03-04 23:55 GMT

Mahashivratri 2021 : भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय दिन महाशिवरात्रि अब करीब आ गया हैं। इस साल 11 मार्च को महाशिवरात्रि हैं। इस दिन भक्त भोलेबाबा को प्रसन्न करने के लिए सुबह-सुबह स्नान आदि करके उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। बेल पत्र चढ़ाते हैं, फूल चढ़ाते हैं, दूध से नहलाते हैं। उनका अभिषेक करते हैं। व्रत रहते हैं। इस दिन शिव मंदिरों में भक्तों की जमकर भीड़ देखने को मिलती हैं। सभी भोलेबाबा को प्रसन्न करने के लिए अपने-अपने तरीकों से उनकी स्तुति करते हैं।

मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की स्तुति करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं। भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और भगवान शिव अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं जिससे भक्त सालभर सुखी जीवन व्यतीत करते हैं। ऐसे में अगर आप भी भोलेबाबा को प्रसन्न करना चाहते हैं। तो शास्त्रों में कुछ चीजें भोलेबाबा को चढ़ाने की मनाही की गई हैं। मान्यता है कि इन चीजों को अर्पित करने से भगवान शिव नाराज हो जाते है। ऐसे में आप भी चाहते हैं कि भगवान शिव आपसे रूठे नहीं तो आप इन चीजों को चढ़ाने से बचें। तो चलिए जानते हैं किन चीजों को चढ़ाने से भोलेबाबा रूठ सकते हैं। 

इन पांच चीजों की है मनाही

शास्त्रों में जिन पांच चीजों को भगवान शिव को चढ़ाने की मनाही बताई गई हैं। उसमें सबसे पहली चीज है तुलसी। कथाओं की माने तो तुसली मां लक्ष्मी स्वरूपा हैं अर्थात भगवान विष्णु की अर्धागिनी। शायद इसलिए जब भी भगवान विष्णु यानी कि शालिग्राम की पूजा होती है तो तुलसी उन्हें अर्पित की जाती हैं। ऐसे में भगवान शिव को तुलसी अर्पित करना वर्जित है।

इसी तरह भगवान शिव को सिंदूर चढ़ाया जाना वर्जित हैं। चूंकि वह वैरागी हैं और सिंदूर श्रृंगार की चीज होती है। ऐसे भगवान को सिंदूर तो चढ़ता है, लेकिन भोलेबाबा को यह अर्पित नहीं किया जाता है। नारियल का पानी भी भगवान भोलेबाबा को चढ़ाने की मनाही हैं। 

केतकी का फूल

केतकी का फूल भी भोलेबाबा को नहीं चढ़ता हैं। मान्यता है कि एक बार केतकी फूल ने ब्रम्हाजी का झूठ में साथ दिया था। जिससे भगवान शिव क्रोध में आकर उन्हें श्राप दे दिया था। तब से केतकी के फूल भगवान भोलेनाथ को नहीं चढ़ाया जाता है।

हल्दी

हल्दी का उपयोग ज्यादातर देवी-देवताओं के पूजन के दौरान किया जाता हैं। लेकिन विद्वानों का मत है कि हल्दी सौभाग्य का प्रतीक हैं। ऐसे में भगवान शिव विनाश के देवता हैं। ऐसे में उन्हें हल्दी चढ़ाने की भी मनाही है। 

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