बहुत पवित्र दिन होता है गुड़ी पड़वा, आइये जानें इससे जुड़ी कुछ अहम बातें

आइये जानें गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa 2022) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकरियां..

Update: 2022-03-24 02:50 GMT

Gudi Padwa Kyu Manaya Jata Hai Hindi Mei, Gudi Padwa Festival In Hindiगुड़ी पड़वा (Gudi Padwa 2022) हमारे देश में मनाया जाने वाले एक शुभ और पवित्र त्यौहारों में से एक है। देश के कई राज्यों में इसे बडे़ ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा के दिन को हमारे शास्त्रों में बहुत ही पवित्र दिन माना गया है। इस दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। कहा गया है तभी से लोगो में गुड़ी पड़वा मनाने की परम्परा विकसित हुई। इस साल यह त्यौहार 2 अप्रैल को मनाया जायेगा। 

कहां कैसे मनाते हैं त्यौहार (Gudi Padwa Kahan Mahate Hain) 

कहा गया है कि हमारे देश के अलग-अलग प्रांतों में गुड़ी पड़वा का त्यौहार अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। जानकारी के अनुसार कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा आंध्र प्रदेश में इसे उगादी नाम से मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा से जुडी कई अन्य जानकारियां है जिसे आपके साथ साझा किया जा रहा है।

गुड़ी पड़वा से जुड़ी जानकारी (Gudi Padwa History)

गुड़ी पड़वा को मराठी समाज के लोग नए साल के रूप में मनाते हैं। आने वाली नई फसलों की पूजा की जाती है। इस अन्न को देवी अन्नपूर्ण तथा माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। गुड़ी पड़वा मनाने के लिए महिलाएं घरों की सफाई करती हैं तो वहीं पवित्र बंदनवार से घरों सजाया जाता है। यह बंदनवार बहुत पवित्र माना गया है। रंगोली बनाना और गुडी सजाने की एक विशेष परंम्परा है। माना जाता है कि गुडी लगाने से घर में बुरी आत्माओ का प्रवेश नही होता है।वही कहा गया है कि अगर घर में बुरी आत्माएं या शक्ति है तो वह दूर भाग जाती है। कहा जाता है इसी दिन भगवान राम ने रावण को हराकर विजय प्राप्त की थी, और अयोध्या लौटे थे। इस दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था। कई लेखों से पता चलता है कि वीर मराठा शिवाजी महराज ने युद्ध जीता था और गुड़ी पड़वा का त्यौहार मनाया था।

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