आज से शुरू हुआ आषाढ़ मास, जानें इसके त्यौहार और व्रत के बारे में..

Ashadh Mas 2022 Vrat Aur Tyohaar: आषाढ़ मास (Ashadh Mahina) 15 जून से शुरू हो रहा है और इसमें कई तीज-त्यौहार भी पड़ रहे है।

Update: 2022-06-15 00:39 GMT

Ashadh Mahina Vrat Aur Tyohar 2022: हिंदु पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास 15 जून से शुरू हो रहा है। खास बात यह है कि इस वर्ष बुधवार के दिन से आषाढ़ मास की शुरूआत हो रही है और 13 जुलाई को बुधवार के दिन ही यह मास सामाप्त होगा। ज्ञात हो कि इस मास का इंतजार किसानों को भी रहता है, क्योकि इस माह बारिश की शुरूआत होती है। जिससे किसानों के खेती का कार्य चालू हो पाता है।

चार माह के विश्राम में जायेंगे भगवान

ऐसी मान्यता है कि भगवान भी आषाढ़ मास लगते ही अपने चर्तुमास में चले जाते है, यानि की वे 4 माह के लिए विश्राम करने चले जाते है। जिससे शुभ लग्न एवं मंगालिक कार्यो में 4 माह के लिए ब्रेक लग जाता है। आषाढ़ मास  में देवशयनी एकादशी, योगिनी एकादशी, मिथुन संक्रांति, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, संकष्टी चतुर्थी, और जगन्नाथ यात्रा जैसे त्योहार भी पड़ेंगे।

आषाढ़ माह में होगे यह व्रत और त्योहार

15 जून, बुधवार- मिथुन संक्रांति. आषाढ़ माह की प्रतिपदा तिथि के दिन ही मिथुन संक्रांति पड़ रही है. इस दिन सूर्य देव मिथुन राशि में एक माह के लिए प्रवेश करेंगे.
17 जून, शुक्रवार- कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी गणेश जी को समर्पित है. इस दिन विधि विधान से गणेश जी का पूजन किया जाता है.

20 जून, सोमवार- कालाष्टमी व्रत, मासिक जन्माष्टमी
24 जून, शुक्रवारः योगिनी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन श्री हरि की पूजा का विधान है.
26 जून, रविवारः प्रदोष व्रत भोलेशंकर को बेहद प्रिय है. इस दिन व्रत रखने से भोलशंकर की कृपा पाई जाती है.

27 जून, सोमवारः मासिक शिवरात्रि भी महादेव को प्रिय है.
29 जून, बुधवारः आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण आदि किया जाता है.
30 जून, गुरुवारः गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ, चंद्र दर्शन
01 जुलाई, शुक्रवारः जगन्नाथ रथ यात्रा

03 जुलाई, रविवारः विनायक चतुर्थी व्रत के दिन गणेश जी के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत आदि रखते हैं.
04 जुलाई, सोमवारः स्कंद षष्ठी के दिन कार्तिकेय भगवान की पूजा की जाती है.
09 जुलाई, मंगलवारः गौरी व्रत

10 जुलाई, रविवारः देवशयनी एकादशी, वासुदेव द्वादशी, चातुर्मास का प्रारंभ।
11 जुलाई, सोमवारः सोम प्रदोष व्रत
12 जूलाई, मंगलवारः जयापार्वती व्रत
13 जुलाई, बुधवारः गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूजा, गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं की पूजा की जाती है. इस दिन वेद व्यास की पूजा की परंपरा है.

नोट- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। रीवा रियासत न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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