गरुड़-पुराण के अनुसार जब ये 2 काम महिलाएं करे तो उन्हें कभी न देखे पुरुष, वरना जिंदगी हो जाती है बर्बाद, मिलती है कठोर सजा : Garuda Purana Punishments

Garuda Purana Punishments : हम अपने जिंदगी में कैसे कर्म करते है उसके अनुसार हमें फल भी मिलता है. भले ही धरती में रहते हुए इंसान पाप करता है लेकिन मृत्यु के बाद उसे हर पाप का हिसाब ऊपर देना पड़ता है. गरुड़-पुराण (Garuda Purana) में 19 हजार से भी ज्यादा श्लोक है. और सभी श्लोक के अपने-अपने अर्थ है. जो पाप और पुण्य के बारे में मनुष्य को अवगत कराते है. ज्यादातर लोग Garuda Purana अपने करीबी और रिश्तेदार की मृत्यु के बाद सुनते है. जानकारी के मुताबिक ऐसा कहा जाता है की मृत्यु के बाद Garuda Purana सुनने से आत्मा को शांति मिलती है. 

Update: 2021-02-28 11:31 GMT

Garuda Purana Punishments : हम अपने जिंदगी में कैसे कर्म करते है उसके अनुसार हमें फल भी मिलता है. भले ही धरती में रहते हुए इंसान पाप करता है लेकिन मृत्यु के बाद उसे हर पाप का हिसाब ऊपर देना पड़ता है. गरुड़-पुराण (Garuda Purana) में 19 हजार से भी ज्यादा श्लोक है. और सभी श्लोक के अपने-अपने अर्थ है. जो पाप और पुण्य के बारे में मनुष्य को अवगत कराते है. ज्यादातर लोग Garuda Purana अपने करीबी और रिश्तेदार की मृत्यु के बाद सुनते है. जानकारी के मुताबिक ऐसा कहा जाता है की मृत्यु के बाद Garuda Purana सुनने से आत्मा को शांति मिलती है. 

महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, जीव की यमलोक-यात्रा, विभिन्न कर्मों से प्राप्त होने वाले नरकों, योनियों तथा पापियों की दुर्गति से संबंधित अनेक गूढ़ एवं रहस्ययुक्त प्रश्न पूछे। उस समय भगवान विष्णु ने गरुड़ की जिज्ञासा शांत करते हुए उन्हें जो ज्ञानमय उपदेश दिया था, उसी उपदेश का इस पुराण में विस्तृत विवेचन किया गया है।

गरुड़ के माध्यम से ही भगवान विष्णु की श्रीमुख से मृत्यु के उपरांत के गूढ़ तथा परम कल्याणकारी वचन प्रकट हुए थे, इसलिए इस पुराण को ‘गरुड़ पुराण’ कहा गया है। श्री विष्णु द्वारा प्रतिपादित यह पुराण मुख्यतः वैष्णव पुराण है। इस पुराण को 'मुख्य गारुड़ी विद्या' भी कहा गया है। इस पुराण का ज्ञान सर्वप्रथम ब्रह्माजी ने महर्षि वेद व्यास को प्रदान किया था। तत्पश्चात् व्यासजी ने अपने शिष्य सूतजी को तथा सूतजी ने नैमिषारण्य में शौनकादि ऋषि-मुनियों को प्रदान किया था।

ये 2 काम महिलाओ को करते कभी नहीं देखना चाहिए 

-गरुण पुराण के अनुसार जब कोई महिला बिन कपड़ो के नहा रही है तो उसे कभी किसी पुरुष को नहीं देखना चाहिए। ऐसे में अगर कोई पुरुष महिला को देख लेता है तो वो पाप का भागीदार होता है और उसका सब कुछ नष्ट होने लगता है. ऐसे में महिलाओ को भी ध्यान रखना चाहिए और कपडे पहनकर ही नहाना चाहिए। 

-वही कोई महिला अपने बच्चे को दूध पिला रही है तो उसके स्तन कभी नहीं देखना चाहिए। बच्चा उस वक़्त मासूम होता है और उसके दांत भी नहीं होता है. इसके लिए मासूम को माँ आहार देती है. कहते है ऐसे में अगर कोई पुरुष गलत नियत से देखता है तो उसे घोर पापी माना जाता है. 

Similar News