एक ऐसा रत्न जो बदल देगा आपका भाग्य, मिलेगी अच्छी नौकरी और व्यापार में होगा लाभ

कई लोग रत्न धारण करने को फैशन मानते हैं। तो वहीं कई लोग रत्न धारण कर अपना भाग्य संवारना चाहते हैं।

Update: 2022-02-16 04:49 GMT

कई लोग रत्न धारण करने को फैशन मानते हैं। तो वहीं कई लोग रत्न धारण कर अपना भाग्य संवारना चाहते हैं। असल में रत्न धारण करने के पीछे कारण क्या है इस सम्बंध में जानना आवश्यक है। आज हम रत्न के सम्बंध में कुछ जानकारी देना चाह रहे हैं। वैसे तो रत्न शास्त्र में 84 प्रकार के रत्नों के बारे में बताया गया है। जिसमें कई मुख्य रत्न हैं तो वहीं उनके कई उपरत्न भी हैं। जो मुख्य रत्न की तरह लाभ देते हैं और दाम में सस्ते होते हैं। जिसे लोग आसानी से धारण कर सकते हैं। आज हम गोदंती नामक रत्न के बारे में बताने जा रहे हैं जो लहसुनिया का उपरत्न है।

गोदंती रत्न की खासियत

कहा गया है कि गोदंती रत्न लहसुनिया रत्न का उपरत्न है। इसे धारण करने से लहसुनिया जैसे फायदे होते हैं। अगर आपकी कुंडली में चंद्र दोष है तो इसे धारण किया जा सकता है। यह कई तरह से फयादेमंद होता है।

गोदंती रत्न धारण करने से मन शांत होता है तो वहीं मानसिक तनाव कम होता है। इस रत्न को धारण करने से जीवन में सकारात्मकता बढ़ जाती है। वहीं कहा गया है कि अगर जीवन में तरक्की चाहिए तो इस रत्न को धारण करना चाहिए।

गोदंती धारण करने की विधि

गोदंती रत्न धारण करने के लिए सोमवार का दिन सबसे उपयुक्त बताया गया है। इस रत्न को चांदी की अंगूठी में जडवा कर हांथ की सबसे छोटी उंगली में पहनना चाहिए।

इसे पंच धातु या फिर सोने में भी पहना जा सकता हैं। बताया गया है कि 5 रत्ती का गोदंती पहनना सबसे लाभदायक होता है।

गोदंती को धारण करने के लिए सबसे पहले सोमवार के दिन नहाकर पवित्र वस्त्र धारण करें। इसके बाद रत्न को गंगाजल से पवित्र करें। इसके बाद इसमें चंदन, फूल तथा अच्छत डाले। बाद में धूप करें और ओम चंद्राय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। इसे धारण करने से अवश्य ही लाभ होगा।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

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