SINGRAULI : जब तक हमारी गौ माताएं अकाल मौत मरती रहेंगी तब तक सुख-शांति नहीं मिलेगी

सिंगरौली। करंट की चपेट में आकर हमारी गौ माताएं लगातार अकाल मौत मर रही हैं और हम संवेदनहीन बने हुए हैं। हम आपको बता दें कि जब तक हमारी गौ माताएं ऐसे ही अकाल मौत मरती रहेंगी तब मानव जीवन में सुख-शांति आने वाली नहीं है। वैसे तो हर समय गौर माताओं पर अत्याचार किया जाता है लेकिन बरसात का मौसम आते ही संकट बढ़ जाता है। बिजली कर्मचारियों की लापरवाही के कारण तमाम गौ माताएं आये दिन करंट की चपेट में आकर असमय काल के गाल समा रही हैं लेकिन इस दिशा में हम कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।

Update: 2021-06-23 18:11 GMT

सिंगरौली। करंट की चपेट में आकर हमारी गौ माताएं लगातार अकाल मौत मर रही हैं और हम संवेदनहीन बने हुए हैं। हम आपको बता दें कि जब तक हमारी गौ माताएं ऐसे ही अकाल मौत मरती रहेंगी तब मानव जीवन में सुख-शांति आने वाली नहीं है। वैसे तो हर समय गौर माताओं पर अत्याचार किया जाता है लेकिन बरसात का मौसम आते ही संकट बढ़ जाता है। बिजली कर्मचारियों की लापरवाही के कारण तमाम गौ माताएं आये दिन करंट की चपेट में आकर असमय काल के गाल समा रही हैं लेकिन इस दिशा में हम कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।

करंट की चपेट में आकर असमय मौत की नींद सो गई गौ माताएं

बिजली कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पुराने टूटे-फूटे बिजली के थोड़ी सी बरसात में टूट रहे हैं जिससे अनजान गौमाताएं करंट की चपेट में आ रही हैं। सिंगरौली के देवसर क्षेत्र अंतर्गत जियावन गांव में करंट प्रवाहित बिजली का तार टूट गया जिसकी चपेट में आकर काफी संख्या में गौ माताओं की मौत हो गई। इस घटना से ग्रामीण आक्रोशित हो गये और हंगामा करने लगे। इसकी जानकारी मिलने के बाद तहसीलदार और पुलिस का अमला मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाइस दी। अभी हाल ही में रीवा जिले के बैकुंठपुर क्षेत्र के नेबूहा गांव में करंट लगने से कई गौ माताएं असमय काल के गाल में समा गई थीं।

बिजली अधिकारी-कर्मचारी बने लापरवाह

सरकार द्वारा प्रतिवर्ष बरसात पूर्व बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के लिये करोड़ों रुपये का बजट उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन यहां बैठे अधिकारी से कर्मचारियों तक फैले भ्रष्टाचार के कारण कहीं कोई सुधार नहीं किया जाता है। वही कई वर्षो पुराने तार, खंभों के भरोसे बिजली व्यवस्था चल रही है। यही कारण है कि थोड़ी बरसात एवं हवा में बिजली के तार टूटकर जमीन पर आ जाते हैं जिसमें फंसकर गौवंश मर रहे हैं और हम सिर्फ तमाशबीन बने हुए हैं।

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