रीवा : सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मरीजों के आपरेशन की सुविधा नहीं, बाहर जा रहे मरीज।।।

Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat

Update: 2021-02-16 06:11 GMT

जिले में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मरीजों के आपरेशन की सुविधा प्रारंभ न होने से मजबूरी में मरीजों को इलाज के लिए अभी भी बाहर जाना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के निर्मित हो जाने से विंध्य के मरीजों को यह लगने लगा था कि गंभीर बीमारियों के लिए उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन उनकी आशाओं में पानी फिर रहा है। अभी भी यहां के किडनी मरीजों को बेहतर इलाज के लिए बाहर बड़े शहरों में जाना पड़ रहा है जो काफी महंगा साबित हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक किडनी के मरीजों का यदि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इलाज शुरू हो जाता तो उन्हें काफी राहत मिलती। आयुष्मान योजना के हितग्राहियों के अलावा अन्य मरीजों को भी कम खर्च में ये सुविधायें मिल जातीं। अधिक दर्द निवारक गोलियां खाने वालों के साथ ही शुगर के मरीजों को भी किडनी संबंधित ज्यादा दिक्कत हो रही है। संजय गंाधी अस्पताल के डॉटरों का मानना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह अधिक दर्द निवारक दवाओं का उपयोग एवं शुगर की वजह से किडनी की आंतरिक संरचना ाी बिगड़ जाती है। 30 से 35 साल के युवा भी किडनी रोग की चपेट में अधिकतर किडनी प्रभावित या फेलियर होने की समस्या 50 से 60 वर्ष की आयु के लोगों में दर्ज की जाती थी। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि अब यह बीमारी 30-35 साल के युवाओं को भी अपनी गिरत में ले रही है। भागदौड़ भरी जिंदगी, खानपान में परिवर्तन, नौकरी व जिमेदारियों का प्रेशर व्यक्ति को तनाव में डाल देता है। हाई लड प्रेशर और तनाव में रहने वाले व्यक्ति की किडनी पर बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा डिस्प्रिन, डाइलोविन प्लस या अन्य तरह की पेन किलर की दवाइयों का सेवन भी किडनी के लिए बेहद घातक है।

किडनी रोग के लक्षण पेशाब में जलन होना, शरीर में सूजन आदि लक्षण हैं। खून में यूरिया या क्रिएटिनिन की मात्रा तय मानक से ज्यादा होने पर किडनी खराब होने की संभावना होती है। डायलिसिस द्वारा खून की सफाई की जाती है। प्रत्येक दो दिनों के अंतराल में डायलिसिस की जाती है। एक बार डायलिसिस में करीब चार घंटे लगते हैं। इनसे मिलता है बढ़ावा जंक फूड, फास्ट का सेवन, खानपान में अनियमितता, ऑयली व अधिक मसालेदार भोजन। धूम्रपान, शराब व नशा युक्त पदार्थों का अधिक सेवन। किडनी का इलाज काफी महंगा है। प्राइवेट अस्पतालों में दो से ढाई लाख रुपए का खर्च आता है।

Similar News