रीवा: सरकार बदली, बंद होगी 'दीनदयाल रसोई योजना', अब गरीबों को नहीं मिल पाएगा भरपेट भोजन

Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat

Update: 2021-02-16 06:07 GMT

रीवा। कहते हैं वक्त के साथ ही इंसान की पूछ-परख की जाती है और वक्त बीत जाने के बाद चर्चित इंसान का भी लोग हाथ छोड़ देते है। प्रदेश में सरकार बदल जाने के बाद अब यही हाल रीवा के चर्चित जनप्रतिनिधियों का हो गया है। इसका जीता जागता उदाहरण गरीबों को पांच रुपए में खाना देने वाली दीनदयाल रसोई है।

भाजपा सरकार के समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों के चलते इस रसोई को दानदाता मिलते थे, जिसकी बड़ी वजह सिर्फ बड़े व्यापारियों व स्थानीय लोगों का जनप्रतिनिधियों से जुड़ाव था। लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते ही ये जनप्रतिनिधि दानदाताओं के लिए शून्य हो गए हैं और गरीबों के लिए चल रही दीनदयाल रसोई से उन्होंने दूरी बना ली है। आलम यह है कि दानदाता न मिलने के कारण संचालन समिति रसोई को बंद करने की तैयारी में है। संचालक समिति का कहना है कि अब इसका संचालन करना काफी मुश्किल हो रहा है और इसे 31 मई से बंद किया जा सकता है।

25 माह पहले शुरू हुआ था संचालन : गौरतलब है कि इस दीनदयाल रसोई का संचालन 8 अप्रैल 2017 से अस्पताल चौराहा के समीप शुरू किया गया था। इसका संचालन नम्र महिला बाल कल्याण समिति द्वारा किया जा रहा है। वहीं कहा यह भी जा रहा है कि समिति कीआड़ में यह कार्य भाजपा के नेता ही कर रहे थे। जिले के भाजपा और व्यवसायी गरीबों का पेट भरने के लिए अन्नदाता हुआ करते थें, भाजपा सरकार जाने के बाद न तो नेताओं की रूचि रह गई है और न ही व्यवसाई इस योजना के प्रति खड़े दिखाई दे रहें हैं. इस रसोई को संचालित हुए करीब 25 माह बीतने को आए हैं पर अब यह बंद होने की कगार में है। हालांकि प्रदेश के अन्य जिलों में इसे बंद किया जा चुका है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी बताई जा रही है कि प्रदेश सरकार इसे इंदिरा कैंटीन का नाम देने की तैयारी में है। यह बात रसोई की संचालक समिति को अच्छी नहीं लग रही है, इसलिए वह इसे बंद करने की तैयारी में है।

Similar News