रीवा : बीजेपी के 3 दिग्गज नेताओं ने छोड़ी पार्टी, दिल्ली तक हड़कंप

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Update: 2021-02-16 06:05 GMT
सतना। भारतीय जनता पार्टी को मध्यप्रदेश में तीन बड़े झटके लगे है। एक ही दिन तीनों नेताओं ने बीजेपी से बगावत करते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया है। भोपाल स्थित पीसीसी कार्यालय में सीएम कमलनाथ की मौजूदगी में तीनों नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। बता दें कि विंध्य क्षेत्र में बीजेपी को झटका देते हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के भाई विनोद शुक्ल, सतना जिला पंचायत की उपाध्यक्ष डॉ. रश्मि सिंह पटेल, मैहर के बीजेपी नेता धीरज पाण्डेय अपने समर्थकों सहित प्रभारी मंत्री लखन घनघोरिया और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पहुंचकर कांग्रेस में शामिल हो गए है। इनके साथ ही सतना के रिटायर्ड मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव भी कांग्रेस में शामिल हुए है। एक साथ तीन नेताओं के पाला बदलने से विंध्य क्षेत्र की सियासत ने नया रूप ले लिया है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छोडऩे के कई मायने हो सकते है। कोई अपनी टिकट के जुगाड़ में आया है। तो कई लोग विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी अभी से शुरू कर दी है।
1- रश्मि सिंह
मध्यप्रदेश में नंबर 2018 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में जिला पंचायत की उपाध्यक्ष डॉ. रश्मि सिंह पटेल ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नागौद विधानसभा से मैदान पर उतरी थी। वह भाजपा पार्टी की ओर से ही जिला पंचायत की अध्यक्ष बनीं थी। लेकिन विधानसभा चुनाव में टिकट मांगी और नहीं मिली तो वह निर्दलीय हो गई। उनको अपने राजनीतिक भविष्य के लिए दूसरी पार्टी की तलाश थी जिससे वह आने वाले चुनाव में ताल ठोंक सके। भाजपा में उम्मीदें कम दिख रही थी। इसलिए लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
2- विनोद शुक्ल
विंध्य क्षेत्र में बीजेपी के दिग्गज नेता एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के विनोद शुक्ल भाई है। वह मशहूर कांट्रेक्टर स्व. भैया लाल शुक्ला के पुत्र है। जो वर्षों से भाजपा पर थे। लेकिन उनको अपने भाई के कद के आगे बीजेपी पर अवसर नहीं मिल पा रहा था। वह आने वाले कल की राजनीति में अपना कद बड़ा सके इसलिए कांग्रेस में शामिल हुए है। रीवा के उनके परिचितों ने बताया कि कई बार चुनाव में वह अपने लिए टिकट की इच्छा जाहिर कर चुके थे। लेकिन बीजेपी में वरिष्ठ नेताओं का मेला लगा हुआ है। इसलिए उनको अवसर नहीं मिल पाया।
3- धीरज पाण्डेय
धीरज पाण्डेय मैहर मंदिर घराने से विलांग करने है। वह नगर पंचायत चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार थे। लेकिन उनको सफलता नहीं मिली और धर्मेश घई यहां से चुनाव जीत गए। इनके पिता रमेश पाण्डेय उर्फ बम-बम महाराज 2013 में विधानसभा के उम्मीदवार रह चुके है। अब मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी के बीजेपी में आने से धीरज पाण्डेय का राजनीतिक कैरियर खतरे में है। इसलिए पाला बदलकर कांग्रेस में शालि हो गए।

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