रीवा: पढ़ाई से पहले कॉलेजों में शुरू हो गई रैगिंग, UGC तक पहुंची शिकायत

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Update: 2021-02-16 06:01 GMT

रीवा. दो महीने की लंबी प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद कॉलेजों में पढ़ाई शुरू होती कि उससे पहले रैगिंग शुरू हो गई है। परिचय पूछने के नाम पर नवप्रवेशियों को प्रताडि़त किया जा रहा है। इसकी शिकायत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) तक पहुंच रही है।

मामले में महाविद्यालय प्रशासन से पूछताछ जारी कॉलेजों में रैगिंग से अभी हाल का जुड़ा मामला कृषि महाविद्यालय से संबंधित है। महाविद्यालय के एक छात्र ने यूजीसी से शिकायत कर वरिष्ठ छात्र की ओर से प्रताडि़त किए जाने का आरोप लगाया है। यूजीसी की ओर से मामले में महाविद्यालय प्रशासन से पूछताछ जारी है। यह बात और है कि कॉलेज प्रशासन इसे छात्रों के बीच का सामान्य विवाद बता रहा है। कृषि महाविद्यालय के अलावा इंजीनियरिंग व टीआरएस कॉलेज में भी छात्रों से रैगिंग का मामला है, लेकिन शिकायत केवल प्राचार्य तक पहुंची है और छात्रों को समझाइश देकर मामलों को रफादफा कर दिया गया है।

रैगिंग को लेकर सतर्क नहीं कॉलेज प्रशासन यूजीसी की ओर से रैगिंग को लेकर भले ही तमाम प्रकार के सख्त निर्देश जारी किए गए हों, लेकिन स्थानीय कॉलेजों के प्राचार्य इसको लेकर कोई खास सतर्क नहीं हैं। नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं की जागरुकता के मद्देनजर कॉलेजों की निष्क्रियता कुछ ऐसा ही जाहिर कर रही है। ज्यादातर कॉलेजों में न ही नवप्रवेशियों की जागरुकता के लिए अभियान चलाया गया है और न ही परिसर में पोस्टर व बैनर लगाए गए हैं।

रैगिंग को लेकर यूजीसी ने जारी की है गाइडलाइन रैगिंग के नाम पर नवप्रवेशी छात्र प्रताडि़त नहीं किए जाएं। इसके लिए यूजीसी नेे गाइडलाइन जारी की है। कॉलेज स्तर पर एंटी रैगिंग कमेटी के गठन के साथ शिकायत के लिए एक कमेटी जिला स्तर पर भी बनाए जाने का निर्देश है, लेकिन दोनों स्तर पर कोई कमेटी सक्रिय नहीं है। छात्रों को रैगिंग संबंधित गतिविधियों और निर्धारित दंड के प्रति जागरूक करने की गतिविधि भी ज्यादातर कॉलेजों में ठप है।

रैगिंग में दोषी पाए गए तो हो सकती है यह कार्रवाई - प्राथमिक तौर पर दोषी पाए जाने पर कुछ दिवस के लिए निलंबन। - दोषी पाए जाने की स्थिति में एक या दो वर्ष तक के लिए निलंबन। - विशेष स्थिति में कॉलेज से बहिष्कार करने का निर्णय भी संभव है। - गतिविधि आपराधिक होने की स्थिति एफआइआर भी किया जाता है।


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