बड़ी खबर : पिछले 15 साल में नेताओं पर दर्ज राजनीतिक मामलों को कमलनाथ सरकार ले रही वापस , रीवा से इन्होने भेजा आवेदन

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Update: 2021-02-16 06:05 GMT

रीवा. पिछले 15 साल में नेताओं पर दर्ज राजनीतिक मामलों को सरकार वापस ले रही है। आदेश जारी होने के बाद मामलों को वापस लेने के लिए नेता आवेदन दे रहे हैं, हैरान करने वाली बात है कि इनमें कई ऐसे हैं जिन पर बलात्कार एवं लोकसेवकों को पीटने जैसे गंभीर प्रकरण दर्ज हैं। ऐसे मामलों को भी वापस लेने के लिए आवेदन आ रहे हैं, जिसे देख समिति के होश उड़े हुए हैं। राजनैतिक मामलों को वापस लेने के लिए गठित समिति ने अभी सिर्फ चार नेताओं पर दर्ज पांच मामलों को वापस लेने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। वहीं 50 मामलों में आवेदनों को नामंजूर कर दिया है।

12 आवेदन जिले में प्राप्त हुए नेताओं पर जिले में विभिन्न थानों में दर्ज 33 मामलों को वापस लेने राज्य सरकार को एवं 12 आवेदन जिले में प्राप्त हुए हैं। कुल 55 आवेदनों को कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति के सामने रखा गया था। जिसमें से चार नेताओं के मामले वापस लेने सरकार को भेजे गए हंै। शेष सभी आवेदन नामंजूर कर दिए। इनमें दो हनुमना के हैं, जो कि समझौता के आधार पर वापस लेने के लिए भेजा गया है। वहीं, कांग्रेस की महिला नेत्री कविता पांडेय एवं मऊगंज से कांग्रेस नेता संजय पांडेय के दो मामले शामिल हैं। शासन से मंजूरी मिलने के बाद अभियोजन इन मामलों को वापस लेने के लिए न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करेगा।

मुकदमे हुए वापस समिति ने जिन 5 मामलों को वापस लेने का प्रस्ताव शासन को भेजा है उनमें सुमित गुप्ता पर धारा 294, धारा 506 बी एवं धारा 327 का मामला है, अश्वनी गुप्ता पर धारा 294 एवं धारा 323 और धारा 506 बी के मामले हैं। कविता पांडेय पर धारा 341 एवं धारा 147 का मामला दर्ज था। संजय पांडेय के विरुद्ध 341, 148 एवं धारा 188, धारा 427 के तहत दर्ज मामला वापस लेने सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

रिश्वत लेते गिरफ्तार सरपंच भी पहुंची लोकायुक्त की ओर से रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार सरपंच सीता देवी मुकदमा वापस लेने का आवेदन लेकर पहुंची थीं, लेकिन समिति ने आवेदन लेने से ही इंकार कर दिया। बताया जा रहा कि लोक सेवकों को पीटने सहित अन्य गंभीर धाराओं के अपराधिक मामले के आवेदनों को समिति ने नामंजूर नामंजूर कर दिए।

बलात्कार, आगजनी के आवेदन नामंजूर हनुमना थाने में दर्ज बलात्कार के मामले में राजेन्द्र मिश्रा ने भी आवेदन दिया है। राजनैतिक द्वेष भावना से दर्ज मामला बताकर वापस लेने की बात कही है, लेकिन समित ने खारिज कर दिया है। इसी तरह कांग्रेस नेता संजय पांडेय के विरुद्ध अन्य थानों में आगजनी के कई मामले दर्ज हैं, लेकिन वापस लेने का आवेदन नामंजूर कर दिया गया।

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