REWA NEWS : टमस व बेलन नदी में चल रहा बालू का अवैध उत्खनन, पुलिस, खनिज व राजस्व विभाग बने सहभागी

रीवा। प्रदेश के मुखिया कहते हैं कि हम अवैध कारोबारियों, माफिया को गाड़ देंगे लेकिन जीवनदायिनी टमस और बेलन नदी में हैवी मशीनों से अवैध बालू उत्खनन का कार्य माफिया कर रहे है। दिन जेसीबी मशीनें बालू निकासी में लगी हैं जिसका परिवहन जिले के साथ ही उत्तरप्रदेश और बिहार के लिये किया जा रहा है। तो वहीं थाना पुलिस, खनिज विभाग एवं राजस्व अमला इस अवैध कारोबार में सहभागी बने हुए हैं। 

Update: 2021-04-05 17:13 GMT

रीवा। प्रदेश के मुखिया कहते हैं कि हम अवैध कारोबारियों, माफिया को गाड़ देंगे लेकिन जीवनदायिनी टमस और बेलन नदी में हैवी मशीनों से अवैध बालू उत्खनन का कार्य माफिया कर रहे है। दिन जेसीबी मशीनें बालू निकासी में लगी हैं जिसका परिवहन जिले के साथ ही उत्तरप्रदेश और बिहार के लिये किया जा रहा है। तो वहीं थाना पुलिस, खनिज विभाग एवं राजस्व अमला इस अवैध कारोबार में सहभागी बने हुए हैं। 

बताया गया है कि टमस व बेलन नदी के घाटों में लगी हैवी मशीनें, जेसीबी द्वारा बालू का उत्खनन एवं परिवहन का कार्य किया जा रहा है। इस कारोबार में खनिज विभाग, राजस्व एवं थाना पुलिस सहभागी है। जिससे अवैध उत्खनन बेरोकटोक चल रहा है। खनिज माफिया जीवनदायिनी नदी के अस्तित्व मिटाने में लगे हुए हैं। 

त्योंथर चौकी से 200 मीटर दूर चल रहा खेल

आपको बता दें कि नदी के अस्तित्व को समाप्त करने का खेल त्योंथर पुलिस चौकी से मात्र 200 मीटर की दूरी पर चल रहा है लेकिन पुलिस आंख में पट्टी बांधे हुए है। नदी के चिल्ला, लपरपुरवा, गंगतीरा, सोनौरी थाना चौकी अंतर्गत डीह, कैथा, गंथा घाट से निकाली की जा रही है। इसी तरह चाकघाट थाना के बरुआ घाट, कोनी, पड़री, अमिलिया घाट में बालू निकाली की जा रही है। बालू का परिवहन हाइवा एवं ट्रैक्टर के माध्यम से उत्तरप्रदेश-बिहार के लिये किया जा रहा है। 

चाकघाट थाना, त्योंथर चौकी की, सोनौरी एवं गढ़ी चौकी के सामने चल रहा परिवहन

बताया गया है कि अवैध बालू उत्खनन में चाकघाट थाना, त्योंथर चैकी, सोनौरी चौकी की, गढ़ी पुलिस चैकी के सामने से अवैध बालू लोड हाइवा निकल रहे हैं लेकिन कोई जांच अथवा पूछपरख नहीं की जाती है। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि माफियाओं को जड़ से खत्म कर देंगे। लेकिन जिले में खनिज विभाग, पुलिस एवं राजस्व अमला खुद जेब भरने में जुटा हुआ है और अवैध कारोबार को खुला संरक्षण दिया जा रहा है। 

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