मिशन 2019 : 2014 में दिए गए टिकट होंगे वापस इन लोकप्रिय चेहरों पर दांव खेलेगी मोदी सरकार

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Update: 2021-02-16 05:57 GMT

भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के आमचुनाव की तैयारियां शुरू कर दीं हैं लेकिन इस बार पार्टी एक बड़े बदलाव के साथ चुनाव में नजर आएगी। इस बार करीब 150 सीटों पर उन नेताओं को टिकट नहीं मिलेंगे जिन्हे 2014 में दिए गए थे। इनमें से कई वरिष्ठ नेताओं के नाम भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह 2019 लोकसभा चुनाव में बॉलीवुड स्टार, युवा उद्यमी, पद्म अवार्ड विजेता, खिलाड़ी और अन्य लोक​प्रिय चेहरों को टिकट देने की रणनीति बना रहे हैं।

अक्षय कुमार, अनुपम खेर को मिल सकती है टिकट खबरों के अनुसार भाजपा बालीवुड अभिनेता अक्षय कुमार, अनुपम खेर और नाना पाटेकर को 2019 में टिकट दे सकती है। इनमें से अक्षय कुमार को पंजाब या दिल्ली, अनुपम खेर को दिल्ली और नाना पाटेकर को महाराष्ट्र से उम्मीदवार बना सकती है। भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनावों में भी भोजपुरी गायक और अभिनेता मनोज तिवारी, गायक बाबुल सुप्रियो, बॉलीवुड अभिनेत्री किरण खेर, अभिनेता परेश रावल, ओलंपिक विजेता राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, पूर्व आर्मी चीफ वी के सिंह, पूर्व गृह सचिव आर के सिंह, स्तंभकार प्रताप सिन्हा, पूर्व आईपीएस अफसर औप मुंबई के पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह, पूर्व नौकरशाह उदित राज को चुनावी मैदान में उतारा था। इनमें से सभी ने जीत हासिल की थी।

लोगों से लिया जा रहा फीडबैक वहीं खबरों के अनुसार भाजपा लोगों से मिले फीडबैक के आधार पर ही टिकट देगी। इसी के तहत नमो ऐप पर एक सर्वे शुरू किया गया था। इस सर्वे में लोगों से भाजपा के वर्तमान सांसदों के कामकाज के बारे में राय लेने का काम किया गया है। लोगों से मिले फीडबैक के आधार पर डेटा संकलन कया जाएगा। जानकारी के अनुसार पीएम की शासन की ज्यादातर रणनीति आम जनता की राय पर निर्भर रहा है। वह कल्याणकारी योजनाओं और अन्य सरकारी कार्यक्रम और यहां तक की लोगों से रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम में प्रतिक्रियाएं मांगते हैं। उन्‍हीं प्रतिक्रियाओं के आधार पर उन्‍होंने कई अहम निर्णय भी लिए।

रणनीति में बड़ा बदलाव कर रही भाजपा बता दें कि भाजपा के पास राजस्थान में 25 सीटें, हिमाचल में 4, दिल्ली में 7, उत्तर प्रदेश में 80 सीटों में से 71, छत्तीसगढ़ में 11 में से 10, मध्य प्रदेश में 29 में से 27 सीटें हैं। भाजपा को डर है कि इन राज्यों में पार्टी की सीटें आधी हो सकती हैं। यही कारण है की पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव कर रही है।

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