ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने क्यों कहा मैं मोदी का शुक्रगुजार हूं! सचिन तेंदुलकर और अमिताभ बच्चन का नाम लिया
Boris Johnson: ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन दो दिन के भारत दौरे पर हैं, उन्होंने पीएम मोदी के साथ मीटिंग कर दोनों देशों के लिए कई डील्स पर सिग्नेचर किए हैं
Boris Johnson: ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन दो दिन के भारत दौरे पर हैं, शुक्रवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण डील्स में सहमति बनी. इस दौरान भगौड़े नीरव मोदी और विजय माल्या को भारत को सौंपने पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रत्यारोपण के लिए मंजूरी देदी है, लेकिन ये मामला थोड़ा पेचीदा है, हम ऐसे लोगों को कानून का बेजा इस्तेमाल नहीं करने देंगे जो भारत में घोषित अपराधी हों.
ब्रिटेन में खालिस्तानियों के होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं यह कहता हूं की हम कट्टरपंथी या आतंकियों को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते, भारत की मदद से हमने एंटी एक्सट्रिमिस्ट फ़ोर्स बनाई है.
मैं पीएम मोदी का धन्यवाद करता हूं
दिल्ली के हैदराबाद में बोरिस जॉनसन का भव्य स्वागत हुआ, उन्होंने कहा- मुझे ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैं सचिन तेंदुलकर या अमिताभ बच्चन हूं, मैं इस ग्रैंड वेलकम के लिए पीएम मोदी का शुक्रगुजार हूं. बोरिस जॉनसन से विदेश मंत्री एस. जयशंकर की भी मुलाकात हुई, इस दौरान दोनों देशों के बीच एक्सपेंडिंग पार्टनरशिप और इंडो-यूके रोडमैप 2030 को लागू करने पर चर्चा हुई.
पीएम मोदी से बोरिस की मुलाकात देश के लिए बहुत अहम रही, दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने डिफेन्स, डिप्लोमेसी और इकोनॉमिक पार्टनरशिप पर चर्चा की, इस दौरान हिन्द और प्रशांत महासागर में चीन की चुनौती के मद्देनज़र सुरक्षा सहयोग पर भी चर्चा हुई
गुजरात दौरा कभी नहीं भूल सकता
ब्रिटिश पीएम ने कहा गुजरात दौरा मैं कभी नहीं भूल सकता यह मेरे लिए यादगार पल रहा है. मैंने दुनिया में इस तरह का ग्रैंड वेलकम कहीं नहीं देखा, मैं पहली बार गुजरात गया था. मुझे बहुत अच्छा लगा. भारत और ब्रिटेन दोनों देश फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर एक दूसरे के पक्ष में दिख रहे हैं, अपने गुजरात दौरे में जॉनसन जॉइंट ट्रेड के कई जरूरी इन्वेस्टमेंट प्रस्तावों की घोषणा करने के लिए आए हैं. ब्रिटेन, भारत के साथ अपने सालाना कारोबार को 2.89 लाख करोड़ तक पहुंचाना चाहता है.
बोरिस जॉनसन का गुजरात दौरा 3 मुख्य कारणों के चलते भारत के लिए महत्वपूर्ण है
1. फ्री ट्रेड एग्रीमेन्ट में दोनों देशों का करार
2. डिफेंस पार्टनरशिप का विस्तार
3. ओपन इंडो-पेसिफिक पर चर्चा।
ब्रिटेन के बिज़नेस के लिए भारत बहुत जरूरी देश है ब्रिटेन के लिए भारत दुनिया का 15वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. दोनों देशों के बीच साल 2020 में 18.3 अरब पाउंड का व्यापर हुआ था, भारत ने ब्रिटेन को 11.7 अरब पाउंड का सामान एक्सपोर्ट किया था जबकि ब्रिटेन ने भारत को 6.6 अरब पाउंड का सामान एक्सपोर्ट किया था.
भारत के लिए क्यों जरूरी है बोरिस जॉनसन का दौरा
भारत और बब्रिटेन के बीच पहले ही 5300 करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट पर सहमति बन चुकी है. साल 2023 में G-20 की बैठक होनी है जिसमे भारत इस बैठक की अध्यक्षता करने वाला है. ब्रिटेन इस बैठक में अहम भूमिका के साथ पार्टनरशिप चाहता है. यात्रा से पहले बोरिस जॉनसन ने ट्वीट करते हुए कहा था कि भारत आर्थिक महाशक्ति और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. वर्तमान में अस्थिर वैश्विक हालत में ब्रिटेन, भारत का अहम रानीतिक साझेदार रहा है.
भारत और ब्रिटेन एक दूसरे के लिए बड़े इन्वेस्टर हैं ब्रिटेन भारत का चौथा सबसे बड़ा इन्वेस्टर है. देश में फॉरेन इन्वेस्टमेंट के मामले में ब्रिटेन का स्थान चौथे नंबर पर है, साल 2020 तक UK ने भारत में 2.26 लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है वहीं भारत ब्रिटेन के लिए तीसरा सबसे बड़ा इन्वेस्टर है. भारतीय इन्वेस्टमेंट से ब्रिटेन में 1.16 लाख लोगों को रोजगार मिला है.
बोरिस जॉनसन के यात्रा भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है
ब्रिटैन यूरोपियन यूनियन से रिश्ते खत्म कर चुका है. अब भारत के साथ व्यापार बढ़ा कर महंगाई कम करने का रास्ता अपनाना चाहता है. ग्रीन टेक्नोलॉजी और हाई स्किल वाली जॉब्स पैदा करना दोनों देशों के लिए जरूरी है. ब्रिटेन में भारत के 55 हज़ार छात्र पढ़ते हैं, इस लिए भारत का ब्रिटेन के साथ नॉलेज शेयरिंग पार्टनरशिप इस यात्रा का मुख्य अजेंडा है
ब्रिटिश पीएम और पीएम मोदी की मीटिंग में प्रमुख अजेंडा क्या है
साल 2030 तक दोनों देश अपने-अपने ट्रेड को दोगुना करेंगे भारत ब्रिटेन में 53.3 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट करेगा, जिससे ब्रिटेन में 6000 नई जॉब्स पैदा होंगी दोनों देशों के बीच 20 करोड़ पाउंड की डील हुई है, जिसमे कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी भारत के 3 हज़ार युवाओं को ब्रिटेन अपने यहां रोजगार देगी दोनों देश एक जॉइंट साइबर सिक्योरिटी प्रोग्राम शरू करेंगे, जिससे साइबर क्रिमिनल्स और रैनसम वेयर के हमलों से निपटा जा सकेगा दोनों देशों के बीच सामरिक टैक डायलॉग शुरू होगा।