Engineer's Day 2021: कौन थे डॉ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या जिनके जन्म दिवस पर भारत में मनाया जाता है 'इंजीनियर्स डे'

आज 15 सितम्बर यानि 'इंजीनियर्स डे' (Engineer's Day) है। आइये जानते है डॉ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या जिनके जन्म दिवस पर मनाया जाता है 'इंजीनियर्स डे'

Update: 2021-09-14 18:45 GMT

Dr. Mokshagundam Visvesvaraya

Engineer's Day 2021 : आज इंजीनियर्स डे है। भारत में हर साल 15 सितंबर को 'इंजीनियर्स डे' (Engineer's Dayमनाया जाता है। जिसे हिंदी में अभियंता दिवस भी कहते हैं। 'इंजीनियर्स डे' (Engineer's Day) खास तौर पर देश के इंजीनियरों के प्रति सम्मान और उनके कार्य की सराहना के लिए मनाया जाता है। दुनियां में कोई भी निर्माण इंजीनियरों के बिना संभव नहीं है चाहे बात जमीन के उपकरणों की करें या स्पेस की सभी इंजीनियरो के द्वारा रचित है।

'इंजीनियर्स डे' (Engineer's Day) किसके जन्म दिवस पर मनाया जाता है ?

'इंजीनियर्स डे' (Engineer's Day) भारत के प्रख्यात इंजीनियर, योजनाकार और राजनेता सर डॉ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Dr Mokshagundam Visvesvaraya) के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है।

कौन थे मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या (Dr Mokshagundam Visvesvaraya) ?

एम विश्वेश्वरैया (Dr Mokshagundam Visvesvaraya) एक महान सिविल इंजीनियर व राजनेता थे। एम विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर के कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर तालुक में 15 सितंबर, 1861 को हुआ था। उन्हें साल 1955 में भारत रत्न (Bharat Ratna) की उपाधि से नवाजा गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डॉ विश्वेश्वरैया की शुरुआती पढ़ाई चिकबल्लापुर से हुई। विकिपीडिया के अनुसार बेंगलूरू से उन्होंने 1881 में बीए डिग्री प्राप्त की और इसके बाद पुणे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वह साल 1912 से 1918 तक मैसूर के 19वें दीवान रहे।

विश्वेश्वरैया को अंग्रेज मानते थे लोहा 

कहा जाता है कि अंग्रेज भी मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या (Dr Mokshagundam Visvesvaraya) की इंजीनियरिंग का लोहा मानते थे। बता दें उनके कार्यों की बदौलत ही उनको मॉर्डन मैसूर का पिता भी कहा जाता है। वे टाटा स्टील के 1927-55 के दौरान बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर भी रह चुके हैं।उन्होंने देश के लिए अन्य कई बड़े कार्य भी किये। भारत के इस रत्न व महान इंजीनियर ने साल 1962 में अंतिम सांस ली। 

मुद्दनहल्ली में है विश्वेश्वरैया की समाधि

विश्वेश्वरैया नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट (Visvesvaraya National Memorial Trust) विश्वेश्वरैया के जन्मस्थान मुद्दनहल्ली में उनके स्मारक का प्रबंधन करता है। स्मारक उनके पुरस्कारों, उपाधियों और व्यक्तिगत सामानों को प्रदर्शित करता है, जिसमें उनके रहने का कमरा, चश्मा, कप, किताबें और ब्लॉक शामिल हैं, जिसके साथ उनके विज़िटिंग कार्ड मुद्रित किए गए थे। कृष्ण राजा सागर बांध के मॉडल, जिसे विश्वेश्वरैया ने डिजाइन और निर्माण की निगरानी की थी, प्रदर्शित किए गए हैं। यह स्मारक मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या (Dr Mokshagundam Visvesvaraya) घर के बगल में ही है, जिसे स्थानीय लोगों द्वारा मंदिर के रूप में माना जाता था। 

नागपुर स्थित VNIT कॉलेज है इनके नाम पर 

महाराष्ट्र के नागपुर स्थित विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (VNIT) प्रमुख NIT कॉलेजों एक है। यह डॉ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या (Dr Mokshagundam Visvesvaraya) के नाम पर ही है। 

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